Fennel Price: निर्यातकों की लिवाली सुधरने से सौंफ में मंदे की संभावना नहीं

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नई दिल्ली। उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर घटती आवक एवं निर्यातकों की लिवाली सुधरने के कारण सौंफ के दामों में तेजी बनी रही। सूत्रों का कहना है कि सौंफ की वर्तमान कीमतों में अब मंदे की संभावना नहीं है क्योंकि कुल उत्पादन का अधिकतम माल मंडियों में आ चुका है। अब उत्पादकों के पास केवल 30/35 प्रतिशत माल ही बचा है जोकि भाव बढ़ने पर बाजार में आएगा।

चालू सीजन के दौरान देश में सौंफ की पैदावार कम रही। क्योंकि गत वर्ष देश में रिकॉर्ड उत्पादन होने के कारण उत्पादकों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिला था। प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2024 के दौरान देश में सौंफ का रिकॉर्ड उत्पादन 38/40 लाख बोरी का रहा था जोकि वर्ष 2025 में घटकर 18/20 लाख बोरी का रह गया। सौंफ का मुख्यत: उत्पादन गुजरात एवं राजस्थान में होता है।

हालांकि चालू सीजन के दौरान देश में सौंफ की पैदावार कम रही लेकिन गत वर्ष का बकाया स्टॉक अधिक होने के कारण कीमतों में तेजी नहीं बन पाई। प्राप्त जानकारों के अनुसार नई फसल आने के समय अप्रैल माह में सौंफ का निर्यात भाव 112/113 रुपए प्रति किलो चल रहा था जोकि धीरे-धीरे घटकर जून माह में 77/78 रुपए पर आ गया।

लेकिन चालू माह के दौरान निर्यातकों की लिवाली में सुधार होने के कारण भाव बढ़कर 81/82 रुपए प्रति किलो हो गया है। सूत्रों का कहना है कि गत 2/3 माह से सौंफ में निर्यात व्यापार काफी कम हो रहा था। लेकिन अब निर्यात व्यापार में धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी होगी। जिस कारण वर्तमान कीमतों में मंदे की संभावना नहीं है।

निर्यातक मांग के अलावा हाजिर में भी सौंफ का व्यापार बढ़ने लगा है। साथ ही उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर भी आवक घटने लगी है। प्रमुख मंडी ऊंझा में सौंफ की दैनिक आवक घटकर 2000/2500 बोरी की रह गई है। जोकि सीजन के समय 25/30 हजार बोरी की हो रही थी।

वर्तमान में उत्पादक केन्द्रों पर एवरेज क्वालिटी सौंफ के भाव 70/110 रुपए प्रति किलो बोले जा रहे हैं। व्यापारियों का मानना है कि आगामी दिनों में निर्यात मांग बढ़ने के पश्चात कीमतों में 8/10 रुपए प्रति किलो की तेजी आने के व्यापारिक अनुमान लगाए जा रहे है।

रिकॉर्ड निर्यात: वर्ष 2024 के दौरान देश में सौंफ की रिकॉर्ड पैदावार होने के कारण सौंफ के भाव मंदे बोले गए। भाव मंदे होने के कारण निर्यात में 94 प्रतिशत की अच्छी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। मगर निर्यात भाव कम मिलने के कारण आय में केवल 14 प्रतिशत का इजाफा हुआ। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024-25 के दौरान सौंफ का निर्यात 76586 टन का रहा और निर्यात से प्राप्त आय 765.44 करोड़ रुपए की रही। ज

बकि वर्ष 2023-24 के दौरान सौंफ का निर्यात 39564 टन का हुआ था और निर्यात से प्राप्त आय 669.60 करोड़ की हुई थी। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व वर्ष 2020-21 के दौरान सौंफ का सर्वाधिक निर्यात 40139 टन का रहा था। चालू सीजन 2025-26 के प्रथम दो माह में सौंफ का निर्यात घटा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गत वर्ष अप्रैल माह में सौंफ का निर्यात 13228 टन का हुआ था जबकि इस वर्ष अप्रैल – 2025 में निर्यात केवल 2490 टन का रहा। इसके अलावा इस वर्ष मई माह में सौंफ का निर्यात 3122.70 टन का हुआ है। जबकि मई 2024 में निर्यात 9444.23 टन का रहा था।