Cryptocurrency: 5 वर्ष में 36 लाख क्रिप्टो टोकन हुए डेड, निवेशकों के अरबों डूबे

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नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी का बाजार जितना तेजी से चढ़ता है, वह उससे कहीं ज्यादा तेजी से गिरता भी है। यह मार्केट किसी को रातों रात करोड़पति बना दे और किसी को कंगाल कर दे, कुछ कहा नहीं जा सकता। यह मार्केट इस समय जितनी तेजी से बढ़ रहा है, कई टोकन भी उतनी ही रफ्तार से फेल हो रहे हैं।

फाइनेंस की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 से अब तक लॉन्च हुए 36 लाख से ज्यादा क्रिप्टो टोकन ‘डेड’ यानी बेकार हो चुके हैं। यह कुल टोकन का 52% है। चिंता की बात यह है कि इनमें से लगभग आधे टोकन साल 2025 में ही फेल हुए हैं।

इससे पता चलता है कि डिजिटल एसेट में कितना जोखिम है। हर दिन 5300 से ज्यादा टोकन लॉन्च हो रहे हैं। लेकिन इनमें से कई प्रोजेक्ट में कोई दम नहीं है। वे टिक नहीं पाते। रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2024 में मीम कॉइन और स्कैम टोकन की वजह से निवेशकों को 50 करोड़ डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ है।

वित्त वर्ष 2016-2017 और 2020-2022 में क्रिप्टो बाजार में तेजी आई थी। तब छोटे निवेशक जल्दी पैसा कमाने के लिए ऑल्टकॉइन में निवेश कर रहे थे। लेकिन अब बाजार बदल गया है। साल 2024 से सरकारें और बड़ी कंपनियां भी क्रिप्टो में आ रही हैं।

अमेरिका, चीन और भूटान जैसे देश अपने रिजर्व में बिटकॉइन रख रहे हैं। ब्लैक रॉक जैसी कंपनी ने बिटकॉइन और इथेरियम ईटीएफ में 80 अरब डॉलर लगाए हैं। इससे पता चलता है कि बड़ी कंपनियां अब क्रिप्टो को अपना रही हैं।

भारत की स्थिति
भारत पिछले तीन सालों में दो बार क्रिप्टो को अपनाने में नंबर 1 रहा है। हालांकि, ज्यादा टैक्स की वजह से छोटे निवेशक अभी भी थोड़ा हिचकिचा रहे हैं। 1 फाइनेंस की रिपोर्ट बताती है कि क्रिप्टो अब एक ज्यादा समझदार बाजार बन रहा है। जैसे-जैसे लोग इसे अपना रहे हैं, विश्वसनीयता, जवाबदेही और रिसर्च पर आधारित फैसलों की मांग बढ़ रही है।