Child Marriage: कोटा में धर्मगुरुओं ने संभाली बाल विवाह के रोकथाम की कमान

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बाराती व लड़की पक्ष के अलावा पंडित, मौलवी, कैटर्स एवं बैंड वाले तक पर भी जुर्माना

कोटा। सृष्टि सेवा समिति ने बाल विवाह की रोकथाम के लिए धर्मगुरुओं के साथ मिलकर एक जागरूकता अभियान चलाया हैं। समिति के जिला समन्वयक भूपेंद्र सिंह ने सोमवार को एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि धर्मगुरुओं से मिला सहयोग व समर्थन अभिभूत करने वाला है। हम सब मिलकर प्रयास करेंगे की इस अक्षय तृतीया पर जिले में एक भी बाल विवाह ना हो पाएं। सभी धर्मगुरुओं ने इसकी सराहना करते हुए समर्थन का हाथ बढ़ाया है।

समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि सिंह बघेल ने बताया जेआरसी कानूनी हस्तक्षेपों के जरिए बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश के 416 जिलों में जमीन पर काम कर 250 से भी ज्यादा नागरिक संगठनों का नेटवर्क है जिसने पिछले वर्षों में दो लाख से ज्यादा बाल विवाह रुकवाए हैं और पांच करोड़ से ज्यादा लोगों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई है।

2023-24 में ही जिले में लगभग 200 बाल विवाह रुकवाए हैं। यह संगठन 2030 तक बाल विवाह मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जेआरसी के संस्थापक भुवन ऋभु की किताब ‘व्हेन चिल्ड्रेन हैव चिल्ड्रेन : टिपिंग प्वाइंट टू इंड चाइल्ड मैरेज’ में सुझाई गई समग्र रणनीति पर अमल कर रहा है।

सृष्टि सेवा समिति के सलाहकार यज्ञदत्त हाड़ा ने कहा कि अभी भी देश में बाल विवाह के खिलाफ जरूरी जागरूकता की कमी है। ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं है कि यह बाल विवाह निषेध अधिनियम (पीसीएमए), 2006 के तहत दंडनीय अपराध है।

इसमें किसी भी रूप में शामिल होने या सेवाएं देने पर दो साल की सजा व जुर्माना या दोनों हो सकता है। इसमें बाराती और लड़की के पक्ष के लोगों के अलावा कैटरर, साज-सज्जा करने वाले डेकोरेटर, हलवाई, माली, बैंड बाजा वाले, मैरिज हॉल के मालिक और यहां तक कि विवाह संपन्न कराने वाले पंडित और मौलवी को भी अपराध में संलिप्त माना जाएगा और उन्हें सजा व जुर्माना हो सकता है।

उन्होंने कहा कि इसीलिए हमने धर्मगुरुओं और पुरोहित वर्ग के बीच जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया क्योंकि यह वो सबसे महत्वपूर्ण वर्ग है जो विवाह संपन्न कराता है। हमने उन्हें समझाया कि बाल विवाह और कुछ नहीं बल्कि बच्चों के साथ बलात्कार है।

अठारह वर्ष से काम उम्र की किसी बच्ची से वैवाहिक संबंधों में भी यौन संबंध बनाना यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत बलात्कार है। बेहद खुशी का विषय है कि आज पंडित और मौलवी इस बात को समझते हुए न सिर्फ इस अभियान को समर्थन दे रहे हैं, बल्कि खुद आगे बढ़कर बाल विवाह नहीं होने देने की शपथ ले रहे हैं।

यदि पुरोहित वर्ग बाल विवाह संपन्न कराने से इनकार कर दे तो देश से रातों रात इस अपराध का सफाया हो सकता है। इस अभियान में उनके आशातीत सहयोग व समर्थन से हम अभिभूत हैं। इसको देखते हुए हमारा मानना है कि जल्द ही हम बाल विवाह मुक्त कोटा के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।

इस मौके पर प्रेसवार्ता में गायत्री परिवार बोरखेड़ा से यज्ञदत्त हाडा, मौलाना रौनक अली, अनवर अहमद अध्यक्ष तंजीम उल्मा ए अहले सुन्नत कोटा, विनीत स्टोन, मीडिया हाउस के रवि सामरिया, श्रुष्टि सेवा समिति के जिला समनव्यक भूपेंद्र सिंह, ममता तिवारी, बिगुल जैन, रवि गौतम एवं एसपी जादूपाल सहित मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।