Cardamom: निर्यातकों की मजबूत मांग से हरी इलायची के भाव बढ़ने के आसार

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इडुक्की। एक तरफ नई फसल की जोरदार तुड़ाई-तैयारी जारी रहने से नीलामी केन्द्रो में छोटी (हरी) इलायची की अच्छी आवक होने लगी है तो दूसरी ओर इसमें मांग भी मजबूत देखी जा रही है इसके फलस्वरूप बाजार में चहल-पहल (रौनक) बढ़ गई है केरल के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र -इडुक्की में इलायची की जोरदार तुड़ाई-तैयारी हो रही है।

उत्पादकों के अनुसार यद्यपि मई से अक्टूबर 2025 के दौरान रुक-रुक कर होने वाली (अनिश्चित) वर्षा से इलायची की फसल को कुछ क्षति हुई और इसके उत्पादन में 15-20 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका पैदा हो गई लेकिन क्षेत्रफल में वृद्धि होने तथा फसल की बेहतर देखभाल किए जाने से हालत सामान्य नजर आ रहे है और इसलिए नीलामी केन्द्रो में नए माल की भारी आवक हो रही है।

एक अग्रणी विश्लेषण के मुताबिक फसल की मौजूदा हालत को देखते हुए लगता है कि 2025-26 के सीजन में छोटी इलायची का कुल उत्पादन बढ़कर 32-34 हजार टन के बीच पहुंच सकता है।

दक्षिण-पश्चिम मानसून देश से प्रस्थान कर चुका है और उत्तर-पूर्व मानसून सक्रिय हो गया है जो सितम्बर के अंत तक बरकरार रहेगा इससे अंतिम चरण की तुड़ाई वाली फसल को फायदा होने की उम्मीद है उसके बाद बसंतकालीन बारिश से कीमतों में उतार-चढ़ाव निर्धारित हो सकता है। वैसे निकट भविष्य में इसके दाम में जोरदार गिरावट आने की संभावना नहीं है।

उधर मध्य अमरीकी देश -ग्वाटेपाला में विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से फसल को हुई गंभीर क्षति के कारण छोटी इलायची का उत्पादन लुढ़ककर 16 हजार टन के बीच सिमट जाने का अनुमान है जो सामान्य औसत उत्पादन 40-45 हजार टन के आधे से भी कम है।

गत वर्ष ग्वाटेपाला में भयंकर सूखा पड़ा था और चालू वर्ष के दौरान भी वहां समुद्री चक्रवाती तूफान एवं धूल के बवंडर का गंभीर प्रकोप देखा गया। इससे बागानों को सम्भलने का कम अवसर मिल रहा है। यदि वह अनुमान सही साबित होता है तो भारत 1981-82 के बाद एक बार फिर दुनिया में इलायची का सबसे प्रमुख उत्पादक देश बन जाएगा। वैश्विक बाजार में इलायची का भाव मजबूत रहने की उम्मीद है जिससे भारत को विशेष फायदा हो सकता है।