Black Pepper: कालीमिर्च का उत्पादन 75 हजार टन के करीब होने का अनुमान

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वायनाड। Black Pepper Price: एक अग्रणी व्यापारिक संगठन- भारतीय कालीमिर्च एवं मसाला व्यापार संघ के अध्यक्ष ने 2024-25 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के दौरान कालीमिर्च का कुल घरेलू उत्पादन 75,000 टन के आसपास होने का अनुमान लगाते हुए कहा है कि प्रमुख उत्पादक इलाकों में लगभग 50 प्रतिशत फसल की तुड़ाई-तैयारी पूरी हो चुकी है।

इसमें अपरिपक्व (टेंडर) तथा परिपक्व (मैच्योर्ड) दोनों ही श्रेणी का माल शामिल है। केरल में नए माल की तुड़ाई-तैयारी का अभियान दिसम्बर में ही आरंभ हो गया था जो अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। तमिलनाडु में भी नई कालीमिर्च की तुड़ाई-तैयारी लगभग समाप्त हो चुकी है लेकिन सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- कर्नाटक में इसकी प्रक्रिया अभी जोर शोर से जारी है।

उल्लेखनीय है कि भारत में कालीमिर्च के सकल उत्पादन में कर्नाटक की भागीदारी करीब 55 प्रतिशत तथा केरल की हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत ही रहती है जबकि शेष 5 प्रतिशत का योगदान तमिलनाडु सहित अन्य राज्यों का होता है।

भारत के दक्षिणी पड़ोसी देश श्रीलंका में जून-जुलाई से कालीमिर्च की नई फसल की तुड़ाई-तैयारी आरंभ होने की संभावना है और उसके बाद वहां से भारत में इसका विशाल आयात शुरू हो सकता है।

तब तक घरेलू फसल पूरी तरह आ चुकी होगी। उधर वियतनाम में भी नई कालीमिर्च बाजार में आ रही है। भारत में दाम ऊंचा होने से इन दोनों देशों से सस्ती कालीमिर्च का भारी आयात होने की आशंका है।

हालांकि सरकार ने कालीमिर्च का न्यूनतम आयात मूल्य (मिप) 500 रुपए प्रति किलो निर्धारित कर रखा है मगर घरेलू बाजार भाव 690-715 रुपए प्रति किलो के बीच होने से आयातकों को माल मंगाने में कोई कठिनाई नहीं होगी।

स्वदेशी उत्पादक सरकार से कालीमिर्च का न्यूनतम आयात मूल्य बढ़ाने की मांग कर रहे हैं ताकि इसके विशाल आयात पर अंकुश लगाया जा सके। प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश भारतीय बाजार में अपनी कालीमिर्च का निर्यात बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं

स्वदेशी उत्पादक सरकार से कालीमिर्च का न्यूनतम आयात मूल्य बढ़ाने की मांग कर रहे हैं ताकि इसके विशाल आयात पर अंकुश लगाया जा सके। प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश भारतीय बाजार में अपनी कालीमिर्च का निर्यात बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं जिसमें श्रीलंका और वियतनाम के साथ-साथ इंडोनेशिया एवं ब्राजील तक शामिल है।

श्रीलंका से कालीमिर्च का आयात 2023-24 के 14 हजार टन से उछलकर 2024-25 में 24 हजार टन पर पहुंच गया जिससे स्वदेशी उत्पाद की कीमतों में अच्छी बढ़ोत्तरी नहीं हो सकी। अगले एक दो माह के बाद वहां से आयात पुनः तेजी से बढ़ने लगेगा जिससे कीमतों पर और असर पड़ सकता है।