Air India Plane Crash वाली जगह से सोना- नकदी और क्या-क्या मिला, जानिए

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अहमदाबाद। एअर इंडिया के 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रहे विमान के उड़ान भरते ही हादसाग्रस्त होने के बाद सरकार, प्रशासन व स्वयं सेवी संस्थाओं ने बहुत गंभीरता व धीरज के साथ राहत एवं बचाव अभियान चलाया।

उधर, फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) के विशेषज्ञ, फायर ब्रिगेड व गुजरात पुलिस के जवान भी चौबीसों घंटे पूरी मुस्तैदी के साथ अपनी ड्यूटी करते रहे। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल खुद कमांड सेंटर व एफएसएल पहुंचकर इनकी हौंसला अफजाई करते नजर आए। फायरकर्मियों ने इस हादसे में करीब 30 लोगों की जान बचाई।

अहमदाबाद के मेघाणी नगर में बीजे मेडिकल कालेज हास्टल परिसर में हुई विमान दुर्घटना इतनी भीषण थी कि उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। एक ही स्थल पर जहां पौने तीन सौ लोगों की विमान हादसे में जान गई हो, उनके राहत एवं बचाव का काम भी बहुत मुश्किल था।

अहमदबाद के मुख्य अग्निशमन अधिकारी अमित डोंगरे ने बताया कि घटना के महज तीन मिनट के भीतर फायर स्टेशन नरोडा की टीम मौके पर पहुंच बचाव में जुट गई थी, इसके बाद शाहपुर की टीम वहां पहुंची।

अहमदाबाद के अलावा गांधीनगर, खेडा, आणंद, वडोदरा, गिफ्ट सिटी और आर्मी के फाइटर भी राहत एवं बचाव कार्य के लिए बुलाए गए। फायर ब्रिगेड के 100 से अधिक वाहनों ने 7.50 लाख लीटर पानी का इस्तेमाल कर आग पर काबू पाया। 650 फायरकर्मी इस अभियान में जुटे।

इनके अलावा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, जमीयत उलेमा-ए-हिंद, अग्रवाल सेवा समिति, उत्तर भारतीय विकास परिषद, हिंदी भाषी महासंघ, बिहार समाज कलयाण मंच आदि के कार्यकर्ता व स्वयंसेवकों ने भी राहत एवं बचाव कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

विमान हादसे में बुरी तरह जल गए मानव शरीर तथा क्षत-विक्षत शवों की पहचान का एक मात्र वैज्ञानिक तरीका है डीएनए टेस्ट। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के कसौटी भवन में डीएनए सैंपल के लिए एक डेडिकेटेड कमांड सेंटर बनाने का निर्णय किया। इसका कार्य तेजी से व निरंतर हो, इसके लिए प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट बनाई गई।

परिजनों का सैंपल उनके घर जाकर लाने की व्यवस्था भी की गई। 22 महिला विशेषज्ञों समेत 54 डीएनए विशेषज्ञों ने प्रोफाइलिंग के जटिल कार्य को दिन-रात कर किया। इस हादसे में मारे गये यात्री व अन्यों के परिजनों का डीएनए सेंपल लेने का काम पूर्ण कर लिया गया है तथा सवा सौ से अधिक पीड़ितों के डीएनए का मिलान हो चुका है।

24 घंटे चल रही डीएनए मैचिंग प्रक्रिया
गुजरात एफएसएल के निदेशक एचपी संघवी ने बताया विमान हादसे में मारे गए यात्रियों के डीएनए के नमूनों से मैचिंग की प्रक्रिया चौबीसों घंटे चल रही है। डीएनए मैचिंग प्रक्रिया के लिए परिजन का रक्त का नमूना लिया जाता है दूसरी ओर मृतकों के अवशेष से सैंपल लिया जाता है। उन्होंने बताया कि डीएनए जांच में काफी सावधानी तथा नमूने की शुद्धता का ध्यान रखा जाता है। इसमें 23 डीएनए एलील मिलान होने पर ही परिजन व मृतक की पहचान होती है। पिता व पुत्र के सैंपल में वाई क्रोमोजोम का टेस्ट किया जाता है।

डीजीपी समेत सैकड़ों पुलिसकर्मी रहे तैनात
गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी, पुलिस महानिदेशक विकास सहाय सैकड़ों पुलिसकर्मियों के साथ रात-दिन विमान हादसे के पीड़ितों व अन्य परिजनों को संभालते नजर आये। अहमदाबाद पुलिस आयुक्त जीएस मलिक व अन्य उच्च अधिकारी भी 24 घंटे राहत एवं बचाव कार्य करते नजर आए।

घटनास्थल से 70 तोले के गहने, नकदी व श्रीमद्भगवत गीता मिली
विमान हादसे के बाद फायरकर्मियों ने राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। इसके बाद डायल 108 की टीमें एंबुलेंस के जरिये इस काम में जुटीं। उनके साथ गांधीनगर के एक व्यापारी राजूभाई पटेल ने भी बचाव कार्य के साथ घटनास्थल से करीब 70 तोले के गहने एकत्र किए।

साथ ही 80 हजार की नकदी व श्रीमद्भगवत गीता को सुरक्षित निकाला। राजूभाई हादसे के वक्त मेघाणी नगर में थे और हादसे के चंद मिनट बाद घटनास्थल पर पहुंचकर राहत एवं बचाव के काम में जुट गए।

राजूभाई बताते हैं कि उन्होंने वहां से करीब 70 तोले के गहने एकत्र किए। इनमें कंगन आदि थे। साथ ही 80 हजार रुपये, कुछ पासपोर्ट व श्रीमद्भगवत गीता भी वहां से सुरक्षित निकालीं। उन्होंने यह सभी वस्तुएं प्रशासन के सुपुर्द कर दीं। गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने बताया कि इन सभी गहने, नकदी आदि को सूचीबद्ध कर लिया गया है, इनके मालिकों की पहचान कर इन्हें शीघ्र उन्हें लौटाया जाएगा।

डीएनए टेस्ट से 144 लोगों की शिनाख्त
विमान हादसे का शिकार हुए 144 लोगों की अब तक डीएनए टेस्ट से शिनाख्त हो चुकी है। राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला और राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की एक संयुक्त टीम दिन-रात डीएनए टेस्ट और उनकी मैचिंग में जुटी है। फोरेंसिक इकाई के एक अधिकारी ने कहा- ”यह एक अत्यंत संवेदनशील और भावनात्मक कार्य है। हर डीएनए मिलान केवल एक तकनीकी जांच नहीं है, बल्कि यह पीड़ित परिवारों को राहत व सांत्वना देने का भी एक कदम है।