Agrotech Mela: कोटा में लगेगा राष्ट्रीय स्तर का एग्रोटेक मेला: कृषि मंत्री चौहान

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केंद्र के सहयोग से कोटा में फूड प्रोसेसिंग सेंटर स्थापित करने के प्रस्ताव पर चर्चा

नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा की उपस्थिति में कोटा–बून्दी संसदीय क्षेत्र सहित राजस्थान से जुड़े कृषि विषयों पर नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई।

बैठक में किसानों की आय वृद्धि, सिंचाई, फसल सुरक्षा, कृषि यंत्रीकरण और उर्वरक आपूर्ति जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। केंद्रीय कृषि मंत्री ने अधिकांश विषयों पर सकारात्मक रुख दिखाते हुए सहयोग और समाधान का आश्वासन दिया।

बैठक में कोटा में शीघ्र राष्ट्रीय स्तर का एग्रोटेक मेला आयोजित करने के प्रस्ताव पर सहमति बनी। यह मेला केंद्रीय कृषि मंत्रालय के माध्यम से आयोजित किया जाएगा, जिससे नवीन कृषि तकनीक, स्टार्टअप्स और नवाचारों को बढ़ावा मिलेगा।

साथ ही केंद्र के सहयोग से कोटा में फूड प्रोसेसिंग सेंटर स्थापित करने के प्रस्ताव पर भी सकारात्मक चर्चा हुई। इस पहल से किसानों को उपज का बेहतर मूल्य मिलने के साथ रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ योजना में होगा सुधार
‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ योजना के तहत ‘अन्य हस्तक्षेप’ घटक में कृषि विभाग की भागीदारी 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया, ताकि फार्म पॉन्ड और डिग्गी जैसी गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके। योजना में स्वीकृत केंद्रीय अंश के अनुरूप वास्तविक आवंटन बढ़ाने और सूक्ष्म सिंचाई उपकरणों की बढ़ी हुई बाजार कीमतों के अनुसार इकाई लागत में संशोधन की आवश्यकता पर भी चर्चा हुई। कच्चे एवं प्लास्टिक लाइनिंग वाले फार्म पॉन्ड की इकाई लागत को वास्तविक लागत के अनुरूप करने तथा अनुसूचित जाति–जनजाति किसानों के लिए अनुदान कम से कम 75 प्रतिशत करने का सुझाव भी रखा गया। केंद्रीय कृषि मंत्री ने इन बिंदुओं पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए शीघ्र समाधान का भरोसा दिलाया।

फसल सुरक्षा और अन्य मुद्दों पर चर्चा
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन के अंतर्गत गेहूं, मोटे और पोषक अनाज की फसलों को जंगली जानवरों और आवारा पशुओं से बचाने के लिए तारबंदी कार्य को पुनः शामिल करने पर जोर दिया गया। साथ ही वर्ष 2025 से लागू होने वाले मिशन–दलहन में भी कांटेदार तारबंदी पर अनुदान की अनुमति देने के प्रस्ताव पर विचार हुआ।

इसके अलावा कस्टम हायरिंग सेंटर की सब्सिडी संरचना में बदलाव, नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के छिड़काव के लिए ड्रोन की उपलब्धता, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, कृषि प्रशिक्षण परियोजनाएं और रबी सीजन के लिए यूरिया आपूर्ति जैसे विषयों पर भी विस्तार से चर्चा हुई। केंद्रीय कृषि मंत्री ने इन सभी मुद्दों पर आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया।

बैठक में देवेश चतुर्वेदी, सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार, मंजू राजपाल, प्रमुख शासन सचिव (कृषि) राजस्थान सरकार, गौरव गोयल, संयुक्त सचिव, लोकसभा सचिवालय, चिन्मयी गोपाल, आयुक्त कृषि, शुभम चौधरी, आयुक्त उद्यानिकी, डॉ. उम्मेद सिंह, निदेशक (अनुसंधान), श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर, डॉ. हरफूल सिंह, निदेशक, राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुरा सहित केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।