नई दिल्ली। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने बुधवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान 70 आधार अंक बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया। इसकी प्रमुख वजह हाल में जीएसटी दरों में कटौती से घरेलू खपत को मिली मजबूती है।
बहरहाल वित्त वर्ष 2027 के लिए कोई बदलाव न करते हुए इसे 6.5 प्रतिशत बरकरार रखा है। मनीला मुख्यालय वाले कर्जदाता ने वृद्धि अनुमान ऐसे समय में बढ़ाया है, जब कुछ दिन पहले ही भारत ने वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में 8.2 प्रतिशत वृद्धि के आंकड़े जारी किए थे, जो 6 तिमाहियों का सर्वोच्च स्तर है।
एडीबी ने अपने ताजा एशियन डेवलपमेंट आउटलुक में कहा है, ‘चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर 2025) के दौरान भारत की जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही है। इसे तेज निजी खपत से समर्थन मिला है, जबकि इस दौरान सरकार का व्यय कम रहा है। वित्त वर्ष 2026 का परिदृश्य 0.7 प्रतिशत बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया गया है। इसकी प्रमुख वजह हाल में कर में की गई कमी के कारण बढ़ी घरेलू मांग है।’
एडीबी का संशोधन अन्य वैश्विक संस्थाओं की धारणा में सुधार के अनुरूप है। आईएमएफ ने हाल में भारत की वृद्धि की गति और राजकोषीय अनुशासन की प्रशंसा की थी, जबकि फिच रेटिंग्स ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2026 के लिए अपना वृद्धि अनुमान 6.9 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया था। फिच ने जीएसटी सुधारों के बाद बेहतरीन धारणा और उपभोक्ताओं द्वारा अधिक खर्च किए जाने का हवाला देते हुए जीडीपी वृद्धि का अनुमान बढ़ाया था।
बैंक ने वित्त वर्ष 2026 के लिए महंगाई दर का अनुमान भी पहले के 3.1 प्रतिशत से घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया है। इसने भारतीय रिजर्व बैंक के महंगाई दर 2.1 प्रतिशत रहने के अनुमान को संज्ञान में लेते हुए ऐसा किया है। इसके अलावा अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर घटकर 0.3 प्रतिशत रह गया, जो 2012 में शुरू हुई मौजूदा श्रृंखला में न्यूनतम स्तर है।
एडीबी ने कहा, ‘यह गिरावट जीएसटी में आई कटौती और लगातार दूसरे महीने खाद्य महंगाई में आई अवस्फीति की वजह से है। साथ ही इसे बेहतर कृषि उत्पादन और अनुकूल मौसम से भी सहारा मिला है।’
वित्त वर्ष 2027 के लिए एडीबी ने महंगाई दर बढ़ने और रिजर्व बैंक के 4.2 प्रतिशत के लक्ष्य के आसपास स्थिर होने का अनुमान लगाया है। निर्यात के मोर्चे पर एडीबी ने भारत के निर्यात में मजबूती का हवाला दिया है। बैंक ने खासकर अमेरिका को किए गए निर्यात का हवाला दिया, जहां स्मार्टफोन और दवा सहित शुल्क मुक्त क्षेत्रों में निर्यात बढ़ा है।

