झालावाड़। संभाग में पहली बार दो नदियों का कृत्रिम संगम किया गया है। आहू-चंवली लिंक चैनल का काम पूरा हो गया है। इसी मानसून में आहू नदी का ओवरफ्लो पानी चंवली नदी में चला जाएगा। इससे दो फायदे होंगे।
आहू नदी का पानी व्यर्थ नहीं बहेगा और चंवली नदी के आसपास के गांवों मेें पेयजल व सिंचाई की समस्या का स्थायी समाधान हाे जाएगा। ये प्रयोग कोटा संभाग में पहली बार झालावाड़ में हुआ है। चंवली नदी में पानी की हमेशा कमी रहती है। 10 साल में चंवली बांध केवल दाे बार पूरा भरा। आठ बार किसानाें काे सिंचाई का पानी नहीं मिला। इधर, आहू नदी से हर साल लाखों लीटर पानी ओवरफ्लो हाेकर व्यर्थ बह जाता था।
यह देखते हुए जल संसाधन विभाग के रिटायर्ड चीफ इंजीनियर केडी सांदू ने दो नदियों को आपस में जोड़ने का प्रस्ताव 2017 में राज्य सरकार को भेजा था। इस पर 2018-19 में वसुंधरा सरकार ने अपने बजट में इस प्राेजेक्ट काे मंजूरी भी दे दी।
आहू-चंवली लिंक चैनल का काम पूरा
-05 किमी लंबी, 1.70 मी. गहरी, 8 मी. चौड़ी नहर आहू को चंवली में मिलाई है
-05 क्यूबिक मीटर प्रति सैकंड की रफ्तार से पानी पहुंचेगा आहू से चंवली नदी में
-08 हैक्टेयर क्षेत्र में होती है चंवली नदी पर बने बांध से मिलने वाले पानी से सिंचाई।
-40 लाख ली. पानी राेज चंवली बांध से रायपुर व पिड़ावा कस्बे सहित 31 गांवाें काे जाता है।
-15 करोड़ रुपए की लागत से आहू चंवली प्राेजेक्ट पूरा हुआ है।-