नई दिल्ली। कोरोना महामारी और मौसम अनुकूल न रहने से असम में चाय का उत्पादन प्रभावित हुआ है। इसके चलते भाव में सालाना आधार पर 25% बढ़ोतरी देखने को मिली है। हालांकि, जुलाई में उत्पादन बढ़ने के बाद कीमतों में कमी आने की उम्मीद है। देश की आधी से ज्यादा चाय असम से आती है।
गुवाहाटी और कोलकाता में इस साल के शुरुआती 23 साप्ताहिक नीलामी में असम चाय की औसत कीमत 224 रु. प्रति किलो तक पहुंच गई। यह 2020 की समान अवधि में 178.6 रुपए प्रति किलो थी। इसमें पारंपरिक और सीटीसी, दोनों तरह की चाय शामिल है। टी ब्रोकरेज फर्म परकॉर्न के मुताबिक गुवाहाटी टी ऑक्शन सेंटर (जीटीएसी) में इस साल 11 जून तक इन दोनों चाय का औसत नीलामी मूल्य 212 रु. प्रति किलो पर पहुंच गया।
पिछले साल यह 173.70 रुपए और 2019 में 119.23 रुपए प्रति किलो था। वहीं, कोलकाता में यह 240.87 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया। 2020 में यहां 184.33 रुपए और 2019 में 149.83 रुपए प्रति किलो दाम लगे थे। असम कंपनी के सीईओ विजय सिंह कहते हैं, पिछले साल लॉकडाउन के कारण उत्पादन कम हुआ था। इस साल की पहली छमाही में सूखे ने कहर बरपाया है।
उत्पादन लागत बढ़ने और पैदावार कम होने से कीमतें बढ़ गई हैं, लेकिन वॉल्यूम कम है। हालांकि, अगले महीने से चाय की पत्ती के दाम घट सकते हैं। गुवाहाटी के चाय व्यापारी सौरभ ट्री ट्रेडर्स के एमएल माहेश्वरी कहते हैं, बारिश में अच्छी क्वालिटी वाली चाय की आवक शुरू होने के साथ भाव घटने लगेंगे।
उत्तर भारतीय चाय का निर्यात 2021 की पहली तिमाही में घटकर 2.73 करोड़ किलोग्राम रह गया। यह 2019 की पहली तिमाही में 3.96 करोड़ किलोग्राम था। केन्याई सीटीसी चाय की कीमतें भारतीय वैरायटी की तुलना में कम हैं। ऐसे में डिमांड अफ्रीकी देश में शिफ्ट हो रही है।
जीटीएसी कोर कमेटी के मेंबर दिनेश बिहानी कहते हैं कि जून के दूसरे हफ्ते में प्रीमियम हलमारी चाय जीटीएसी पर 621 रुपए किलो बिकी। यह बताता है कि अच्छी क्वालिटी वाली चाय की मजबूत मांग है।