मई में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 6 महीने के उच्च स्तर पर

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नई दिल्ली। मई में खुदरा महंगाई बढ़कर 6.3 फीसदी पर पहुंच गई। यह पिछले छह महीने में खुदरा महंगाई की सबसे ज्यादा दर है। सरकार की तरफ से सोमवार को खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी किए गए। कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (Consumer Price Index) से खुदरा महंगाई दर में बदलाव का पता चलता है।

खुदरा महंगाई बढ़ने में सबसे ज्यादा हाथ खाने की चीजों (Food) और एनर्जी का रहा। मई में फूड इनफ्लेशन बढ़कर 5.01 फीसदी पर पहुंच गया। अप्रैल में यह 1.96 फीसदी था। अप्रैल में खुदरा महंगाई की दर घटकर 4.23 फीसदी पर आ गई थी। यह खुदरा महंगाई दर का तीन महीने का सबसे कम स्तर था। इसकी वजह खाने की चीजों की कीमतों में कमी थी।

भारतीय रिजर्व बैंक ने मार्च 2026 तक खुदरा महंगाई दर के लिए 4 फीसदी का लक्ष्य रखा है। इसमें 2 फीसदी का घटबढ़ शामिल है। पांच महीनों के बाद मई में खुदरा महंगाई का आंकड़ा आरबीआई के छह फीसदी के ऊपरी लक्ष्य को पार कर गया है।

केंद्रीय बैंक वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान खुदरा महंगाई की दर 5.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। उसने पहली तिमाही में इसके 5.2 फीसदी, दूसरी तिमाही में 5.4 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.7 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.3 फीसदी का अनुमान जताया है।