नई दिल्ली। देशभर के तीर्थयात्री जल्दी ही रेल के जरिए उत्तराखंड के पवित्र चार धामों की यात्रा कर सकेंगे। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने चार धाम परियोजनाओं के लिए आखिरी छोर तक कनेक्टिविटी योजनाओं की समीक्षा की। कोरोना महामारी की चुनौतियों के बावजूद यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ तक रेल पहुंचाने के लिए चार धाम बीजी रेल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट का फाइनल लोकेशन सर्वे (एफएलएस) जल्द ही पूरा होने वाला है।
रेलवे के अधिकारियों ने प्रोजेक्ट की समीक्षा मीटिंग में यह जानकारी केंद्रीय रेलवे मंत्री पीयूष गोयल को दी। रेल मंत्री ने इस प्रोजेक्ट की घोषणा पिछले साल अगस्त में की थी। मीटिंग के दौरान रेल मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को यात्रियों की सुरक्षा और आराम के लिहाज से सभी विकल्पों की विस्तार से समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आखिरी छोर तक कनेक्टिविटी के सभी विकल्पों के साथ-साथ प्रोजेक्ट के पूरा होने तक पूरी लागत प्रभाव (cost implications) की जांच की जाए। गोयल ने कहा कि चार धाम यात्रा के लिए तीर्थ यात्रियों को जल्दी, सुरक्षित, और आरामदायक कनेक्टिविटी मिलनी चाहिए।
रेल मंत्रालय के अनुसार केदारनाथ और बद्रीनाथ रेल कनेक्टिविटी कर्णप्रयाग स्टेशन से शुरू होगी जो 125 किमी लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग नई BG रेल लाइन प्रोजेक्ट का हिस्सा है। वहीं दूसरी ओर गंगोत्री और यमुनोत्री रेल कनेक्टिविटी मौजूदा डोईवाला (Doiwala) स्टेशन से शुरू होगा। रेलवे के मुताबिक, चार धाम यात्रा के लिए फिलहाल Reconnaissance Engineering Survey(RES) सर्वे चल रहा है, जिसमें श्रद्धालुओं को धामों तक सुरक्षित, आरामदायक तरीके से और समय पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
रेलवे 327 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन के जरिए उत्तराखंड में चार धाम स्थलों को जोड़ने के लिए एक बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। इससे श्रद्धालुओं के लिए चार धाम यात्रा और आसान हो जाएगी। सर्वे में उत्तराखंड में हर साल ट्रैकिंग और साइट सीन के लिए आने वाले हजारों देशी-विदेशी पर्यटकों के लिहाज से भी ध्यान दिया जा रहा है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, सर्वे में रेल को ज्यादा से ज्यादा खूबसूरत दृश्यों वाले इलाकों से गुजारने की गुंजाइश देखी जा रही है।