कोटा। आईएसटीडी कोटा चैप्टर एवं कोटा ज्ञानद्वार एजुकेशन सोसायटी की ओर से ‘हम तुम और कोरोना’ के तहत व्याख्यान श्रृंखला में सातवां ऑनलाइन वेबीनार ‘कोरोना वायरस एवं ब्रेन स्ट्रोक, मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम’ की बीमारियां विषय पर रविवार को आयोजित किया गया।
कोटा ज्ञानद्वार की फाउंडर एवं आईएसटीडी कोटा चैप्टर की चेयरपर्सन अनीता चौहान ने कहा कि कोरोना के समय में हर परिवार इस विपदा का सामना कर रहा है, तब हम तुम और कोरोना के माध्यम से डॉ. द्वारा हर संभव सहायता एवं सुझाव इस प्लेटफार्म के माध्यम से लोगों को प्रदान किए जा रहे हैं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कोटा के अध्यक्ष एवं जायसवाल हॉस्पिटल के वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ संजय जायसवाल ने मुख्य अतिथि ने इस अवसर पर बताया कि वर्तमान में 30 से 35 प्रतिशत कोरोना मरीजों में नर्वस सिस्टम संबंधी लक्षण देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में ये बहुत आवश्यक है कि समय पर लक्षणों की पहचान हो और डॉ. से संपर्क किया जाये। अन्यथा इसके अभाव में आजीवन अपंगता जैसी स्थितियां भी देखी जा सकती हैं। समय पर उपचार से रोग को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।
इसके अंतर्गत ब्रेन स्ट्रोक, ब्रेन हेमरेज, मिर्गी, मसल पेन, कमजोरी, सरदर्द, चक्कर, बेहोशी जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं। कोरोना से ठीक हुए मरीजों की समुचित मोनिटरिंग अत्यधिक आवश्यक है। किसी भी प्रकार की लापरवाही कई बार घातक सिद्ध हो सकती है।
डॉ. जायसवाल ने FAST के माध्यम से निगरानी की बात की, जिसमे F अर्थात फेस के मूवमेंट, A अर्थात आर्म मूवमेंट में कोई तकलीफ इत्यादि, S अर्थात स्पीच मूवमेंट पर ध्यान रखकर, T अर्थात एक निश्चित टाइमफ्रेम में डॉ. से संपर्क कर नर्वस सिस्टम में होनेवाली बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त कोरोना से बचने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित गाइडलाइन्स के पालन पर डॉ. जायसवाल ने जोर दिया।
इस ऑनलाइन सेशन में हमारे कोटा, जयपुर, दिल्ली, काकरापार (गुजरात) कलकत्ता, मुंबई, देहरादून आदि शहरों से 50 से अधिक प्रतिभागी उपस्थित रहे। 300 से अधिक प्रतिभागी फेसबुक लाइव के माध्यम से जुड़े रहे। कार्यक्रम के अंत में आईएसटीडी कोटा चैप्टर की उपाध्यक्ष डॉ सुजाता तातेड़ द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।