UK हाईकोर्ट में भगोड़े विजय माल्या की दिवालियापन याचिका खारिज

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मुंबई। लंदन की कोर्ट ने भगोड़े व्यवसायी विजय माल्या को मंगलवार को झटका दिया है। यहां हाईकोर्ट में दिवालियापन की याचिका लगाने वाला विजय माल्या हार गया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को उसकी संपत्ति बेचकर कर्ज वसूली करने में आसानी हो सकती है।

लंदन हाईकोर्ट ने भारत में माल्या की संपत्ति पर लगाया गया सिक्योरिटी कवर हटा लिया है। इससे SBI की अगुवाई वाले भारतीय बैंकों का कंसोर्टियम माल्या से कर्ज वसूलने के और नजदीक पहुंच गया है। अब भारतीय बैंक माल्या की भारत में संपत्ति को कब्जा करके बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस को दिया गया लोन वसूल सकेंगे।

SBI के नेतृत्व में एक कंसोर्टियम ने अप्रैल में लंदन हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान भगोड़े व्यवसायी को दिवालिया घोषित किए जाने की पुरजोर कोशिश की थी। विजय माल्या पर बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के लिए 9 हजार करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है। विजय माल्या का यह कहना था कि उसके ऊपर जो कर्ज बकाया है, वह जनता का पैसा है। ऐसे में बैंक उसे दिवालिया घोषित नहीं कर सकते हैं।

माल्या ने यह भी दावा किया था कि भारतीय बैंकों की तरफ से दायर दिवालियापन याचिका कानून के दायरे से बाहर है। वे भारत में उनकी संपत्ति की सिक्योरिटी पर नहीं लगा सकते, क्योंकि यह भारत में जनता के हित के खिलाफ है। लंदन हाईकोर्ट के चीफ इन्सॉल्वेंसी एंड कंपनीज कोर्ट (ICC) के जज माइकल ब्रिग्स (Michael Briggs) ने भारतीय बैंकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि ऐसी कोई पब्लिक पॉलिसी नहीं है, जो माल्या की संपत्ति को सिक्योरिटी राइट्स प्रदान करे।

अभी भी भारत आने में देरी
ब्रिटेन में प्रत्यर्पण का केस हारने और ब्रिटेन के गृह मंत्रालय से शरण की अपील खारिज हो जाने के बावजूद बैंकों को 9 हजार करोड़ रुपए का चूना लगाकर भारत से भागने वाले विजय माल्या के प्रत्यर्पण में देरी हो सकती है। माल्या हर वो कोशिश कर रहा है ताकि उसे भारत ना आना पड़े। कानून के जानकारों का कहना है कि ब्रिटेन में उसके केस जीतने की संभावना न के बराबर है, लेकिन फिर भी उसके पैंतरे से उसे ब्रिटेन में कुछ दिन और रहने का समय मिल गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि माल्या के ब्रिटेन में रहने के लगभग सभी कानून रास्ते बंद हो गए हैं।