नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी में डील करने वाली कंपनियों ने सरकार से क्रिप्टोकरेंसीज को डिजिटल एसेट के रूप में मान्यता देने का अनुरोध किया है। साथ ही उनका कहना है कि सरकार टैक्सपेयर्स को आईटी रिटर्न भरते समय अपनी क्रिप्टो होल्डिंग जानकारी देने को कहे। इसका मकसद बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी की ट्रैसेबिलिटी को लेकर जारी आशंकाओं को दूर करना है। इन कंपनियों ने साथ ही सरकार से अनुरोध किया है कि वह इनकम टैक्स एक्ट में खास प्रावधान करे। इससे 50 लाख रुपये से अधिक क्रिप्टोकरेंसी रखने वाले लोगों को साल में एक बार अपने एसेट की घोषणा करनी होगी।
क्रिप्टो इंडस्ट्री का सुझाव
क्रिप्टो इंडस्ट्री एसोसिएशन IndiaTech.org के सीईओ रमेश कैलासम ने कहा कि हमने सरकार से आईटी रिटर्न में क्रिप्टोकरेंसी रिलेटेड डिसक्लोजर शामिल करने के लिए प्रावधान करने को कहा है। इससे क्रिप्टो होल्डिंग को लेकर पारदर्शिता आएगी। टैक्सपेयर द्वारा इस तरह के खुलासे से पारदर्शी ऑडिट होगा क्योंकि अभी यह जिम्मेदारी क्रिप्टो एक्सचेंजेज पर है जो खुद ही केवाईसी चेक करते हैं।
एक्सचेंज को रजिस्टर करने की व्यवस्था
इससे पहले कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने सभी कंपनियों के लिए क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन में हुए नुकसान या मुनाफे के जानकारी देना अनिवार्य बना दिया था। IndiaTech.org ने देश में क्रिप्टोकरेंसीज को रेग्युलेट करने के लिए 5 सूत्री पॉलिसी सुझाव दिए हैं जिसमें घरेलू एक्सचेंजेज को रजिस्टर करने की व्यवस्था शुरू करना शामिल है। इन सुझावों को वित्त मंत्रालय, कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और नीति आयोग के साथ साझा किया गया है।
केवाईसी से लगेगा पता
इंडस्ट्री बॉडी का कहना है कि भारत को क्रिप्टो टोकन्स को करेंसीज के बजाय डिजिटल एसेट्स के रूप में मान्यता देनी चाहिए और एक्सचेंज ऑनरशिप पैरामीटर्स, केवाईसी और अकाउंटिंग और रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड्स पर अपनी नीतियां स्पष्ट करनी चाहिए। क्रिप्टो एक्सचेंज Coin DCX के सीईओ सुमित गुप्ता ने कहा कि क्रिप्टो करेंसीज को डिजिटल एसेट्स का दर्जा देने से लोग इसकी खऱीदारी कर सकेंगे और इसमें ट्रेड कर सकेंगे। साथ ही केवाईसी से क्रिप्टो एसेट्स के खऱीदने और बेचने वालों का आसानी से पता लगाया जा सकेगा।
कितने लोगों के पास है क्रिप्टो एसेट
देश में एक करोड़ से अधिक लोगों के पास 1 अरब डॉलर से अधिक क्रिप्टो एसेट है। देश में रोजाना इसका 35 करोड़ से 50 करोड़ डॉलर का कारोबार होता है। 300 से ज्यादा स्टार्टअप इससे जुड़े हैं और हजारों लोगों को रोजगार मिला है। हाल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार देश में क्रिप्टो ट्रेडिंग के मामले में सतर्क रुख अपनाएगी और क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने के लिए आरबीआई के साथ बातचीत चल रही है। Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021 के तहत सरकार की अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की योजना है जिसे आरबीआई का समर्थन हासिल होगा।