नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद अभी भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका असर नहीं दिख रहा। अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन रिकॉर्ड 1.41 लाख करोड़ के रिकॉर्ड पर पहुंच गया है। इससे पहले मार्च में सबसे अधिक जीएसटी कलेक्शन 1 लाख 23000 करोड़ का रहा था। यह मंदी से बाहर निकल रही भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक और अच्छी खबर है। लगातार सातवें महीने जीएसटी कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपये के पार रहा और महामारी के बाद लगातार पांचवी बार 1.1 लाख करोड़ रुपए का आंकड़ा पार किया, जो अर्थव्यवस्था में सुधार का संकेत है।
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस रीलीज के मुताबिक इस बार 1,41,384 करोड़ रुपये जीएसटी के रूप में मिले, जिसमें सीजीएसटी 27,837 करोड़, एसजीएसटी 35,621 करोड़ और IGST 68,481 करोड़ (माल के आयात पर एकत्र किए गए 29,599 करोड़ रुपये सहित) रुपये और उपकर 9,445 करोड़ (माल के आयात पर एकत्र 981 करोड़ रुपये सहित) है। देश के कई हिस्सों को प्रभावित करने वाले COVID-19 महामारी की दूसरी लहर के बावजूद भारतीय व्यवसायों ने एक बार फिर से रिटर्न फाइलिंग जैसी आवश्यकताओं का न केवल अनुपालन किया बल्कि महीने के दौरान समय पर अपने जीएसटी बकाया का भुगतान भी किया है।
जीएसटी लागू होने से अबतक अप्रैल 2021 में जीएसटी कलेक्शन सबसे अधिक है। पिछले छह महीनों से जीएसटी कलेक्शन में बढ़त के ट्रेंड के अनुरूप अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन मार्च की तुलना में 14% अधिक है। वहीं Domestic Transaction से इस महीने मिला राजस्व (सेवाओं के आयात सहित) पिछले महीने से 21% अधिक है। त्रैमासिक रिटर्न और मासिक भुगतान योजना को सफलतापूर्वक छोटे करदाताओं को राहत देते हुए लागू किया गया है क्योंकि वे अब हर तीन महीने में केवल एक रिटर्न दाखिल करते हैं। पूर्व-भरे जीएसटीआर 2 ए और 3 बी रिटर्न के रूप में करदाताओं को आईटी समर्थन प्रदान करना और सिस्टम क्षमता को कम करना भी रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया को आसान बनाता है।