मुंबई। निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को वित्त वर्ष 2020-21 में 53,729 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड फायदा हुआ है। एक साल पहले के लाभ की तुलना में यह 34.8% ज्यादा है। कंपनी ने 7 रुपए प्रति शेयर लाभांश यानी डिविडेंड देने की घोषणा की है। डिविडेंड मतलब अपने फायदे में से निवेशकों को गिफ्ट के रूप में कुछ हिस्सा देने से होता है।
कंपनी ने शुक्रवार को अपना रिजल्ट बाजार बंद होने के बाद जारी किया। इसके शेयरों पर दो दिन से दबाव था। आज भी यह गिरावट के साथ बंद हुआ है। कंपनी ने कहा कि वह पूरे साल में 75 हजार नए रोजगार को पैदा किया।
चौथी तिमाही की बात करें तो रिलायंस इंडस्ट्रीज ग्रुप का कुल रेवेन्यू 1 लाख 72 हजार 95 करोड़ रुपए था जो एक साल पहले जनवरी-मार्च की तुलना में 24.9% ज्यादा है। शुद्ध फायदा 14,995 करोड़ रुपए रहा जो कि एक साल पहले हुए 6,348 करोड़ की तुलना में 129% ज्यादा है। प्रति शेयर आय 20.5 रुपए इस दौरान रही है। केवल रिलायंस इंडस्ट्रीज की बात करें तो उसका रेवेन्यू 90 हजार 792 करोड़ रुपए रहा है जिसमें 27.1% की बढ़त रही है। शुद्ध लाभ 7,617 करोड़ रुपए रहा है, जो 11.7% कम है। इस दौरान कंपनी ने 46 हजार 406 करोड़ रुपए के मूल्य का सामान निर्यात किया। यह एक साल पहले की इसी अवधि की तुलना में 47% ज्यादा है।
कंपनी ने बताया कि इसके पूरे ग्रुप का कुल रेवेन्यू साल भर में 5 लाख 39 हजार 238 करोड़ रुपए रहा है। एक साल पहले की तुलना में इसमें 18.3 पर्सेंट की बढ़त रही है। प्रति शेयर आय 76.4 रुपए रही है जिसमें 21.1 पर्सेंट की बढ़त रही है। केवल रिलायंस इंडस्ट्रीज की बात करें तो इसका रेवेन्यू 2 लाख 78 हजार 940 करोड़ रुपए रहा है। यह एक साल पहले की तुलना में 23.8 पर्सेंट कम है। शुद्ध फायदा 31,944 करोड़ रुपए रहा है। एक साल पहले की तुलना में यह 3.4 पर्सेंट ज्यादा रहा है।
निर्यात में 28.3 पर्सेंट की गिरावट
कोरोना के बावजूद कंपनी का निर्यात अच्छा रहा है। पूरे साल भर के दौरान इसने 1 लाख 45 हजार 143 करोड़ रुपए का सामान निर्यात किया। हालांकि उसके पहले के साल की तुलना में यह 28.3 पर्सेंट कम रहा है।