केंद्र सरकार ने वैक्सीन निर्माताओं से टीके की कीमतें कम करने की अपील की

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नई दिल्‍ली। देश में कोरोना की दूसरी लहर बेकाबू हो गई है। संक्रमण के मामले रोज नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई को और तेज करने का फैसला किया है। इसी फैसले के तहत पहली मई से टीकाकरण के तीसरे चरण में 18 साल से 45 साल की उम्र के लोगों को कोविड वैक्‍सीन लगाए जाने का फैसला लिया गया है। लेकिन कांग्रेस शासित राज्‍यों ने टीके की कीमतों में असमानता का आरोप लगाते हुए इसे कम रेट पर उपलब्‍ध कराने की बात कही है। अब केंद्र सरकार ने इस मसले पर टीका उत्‍पादक कंपनियों से बात की है।

केंद्र सरकार ने सीरम इंस्‍टीट्यूट और भारत बायोटेक से भारत में अपनी कोविड वैक्‍सीन की कीमतें कम करने को कहा है ताकि पहली मई से टीकाकरण के तीसरे चरण में 18 साल से 45 साल की उम्र के लोगों को बड़े पैमाने पर वैक्‍सीन लगाने का काम किया जा सके।

दरअसल कांग्रेस शासित राज्यों ने पहली मई से सभी बालिगों के लिए टीकाकरण शुरू करने पर हाथ खड़े कर दिए थे। कांग्रेस शासित राज्यों छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान और झारखंड (झामुमो शासित) के स्वास्थ्य मंत्रियों ने रविवार को एक स्वर में केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा था कि जिस तरह से उनको 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए मुफ्त में वैक्सीन उपलब्‍ध कराई गई उसी तरह 18 से ज्यादा की उम्र के लोगों के लिए भी मुफ्त वैक्सीन उपलब्‍ध कराई जानी चाहिए।

वहीं कांग्रेस महासचिव और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार मुनाफाखोरों को 1.11लाख करोड़ रुपए की मुनाफाखोरी करने की अनुमति दे रही है। उनका कहना था कि सरकार ने गरीबों को मुफ्त वैक्‍सीन उपलब्ध कराने की अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। सुरजेवाला ने सवाल उठाया कि टीके को लेकर सरेआम मुनाफाखोरी की अनुमति कैसे दी जा सकती है।

वहीं सरकार की ओर से सियासी मोर्चा संभालते हुए केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा था कि जो लोग पहले कोरोना के स्वदेशी टीकों के प्रभाव पर भय पैदा कर रहे थे… अब वो टीकों की कीमत पर भ्रम पैदा कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस मुश्किल वक्‍त में सभी को समाधान का हिस्सा बनना चाहिए… ना की भय और भ्रम का किस्सा गढ़ना चाहिए…