अचानक लंबी अवधि का कर्फ्यू लगाने से सर्राफा व्यापारी चिंतित

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  • सर्राफा बोर्ड ने मुख्यमंत्री से की कुछ राहत देने की मांग
  • कहा- शादी वाले ग्राहकों का माल दुकानों पर, कैसे दें

कोटा। श्री सर्राफा बोर्ड ने रविवार की रात अचानक लगाए गए लंबी अवधि के लिए कर्फ्यू में वैवाहिक सीजन (आखातीज) को देखते हुए ज्वैलरी व्यापारियों और कारीगरों को ग्राहकों के माल की आपूर्ति करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दो दिन सीमित समय के लिए राहत प्रदान करने की मांग की है।

श्री सर्राफा बोर्ड के अध्यक्ष सुरेन्द्र गोयल विचित्र ने कहा कि प्रदेश की जनता को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए निर्णय का हम सम्मान और समर्थन करते हैं परंतु अकस्मात लंबी अवधि तक कर्फ्यू लगाने के आदेश से सभी व्यापारी और ग्राहक चिंतित हैं। विचित्र ने कहा कि पिछले साल भी इसी समय कोरोना काल में लंबे लॉक डाउन के कारण सभी व्यापारी आर्थिक महामारी के शिकार हुए थे। कोई सरकारी मदद भी नहीं मिली थी। ऐसे में एक बार फिर वही खतरा मंडरा रहा है।

सचिव विवेक कुमार जैन ने कहा कि अब की बार बड़ी संख्या में मांगलिक समारोह संपन्न होंगे और व्यापार कुछ हद तक अच्छा चलने की संभावना है। सभी व्यापारियों ने इसी आशा के साथ माल का स्टॉक भी किया और ग्राहकों की मांग पर कारीगरों को माल बनाने का ऑर्डर भी दिया हुआ है। ऐसे में व्यापारियों को बिना एक दो दिन की राहत दिए अचानक ऐसे सख्त निर्णय से परेशानी हो गई है। शादी ब्याह वाले ग्राहकों का माल दुकानों पर या कारखानों पर है। बिना दुकान और कारखाने खोले, ग्राहकों को माल कैसे दें ?

स्वर्ण रजत कला उत्थान समिति के अध्यक्ष रमेश सोनी और थोक सर्राफा विक्रेता व्यवसाई संघ के अध्यक्ष अरुण जैन, न्यू कोटा सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र सोनी ने कहा कि हर घर में प्रर्याप्त नक़द राशि नहीं होती है। ना ही हर छोटा व्यापारी, कारीगर ऑनलाइन ट्रांसेक्शन करता है। इस अवधि में टैक्स, बिल आदि जमा कराने है। बिना दुकान खोले यह सब कैसे संभव है ?

उन्होंने कहा कि भले रोजाना के लिए नहीं.. केवल दो तीन दिन के लिए सीमित समय के लिए दुकानें, सोने चांदी से जुड़े कारखाने खोलकर अपने आवश्यक कार्यों को पूरा करने हेतु मुख्यमंत्री से सहयोग चाहते हैं। हमें विश्वास है मुख्यमंत्री व्यापारियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए स्वीकृति प्रदान करेंगे। इस हेतु हमने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और स्वायत्तता शासन मंत्री शांति धारीवाल को भी पत्र लिखकर मांग की है।