देश में ऑक्सीजन की कमी से नहीं टूटेंगी सांसें, 162 संयंत्र लगाएगी मोदी सरकार

0
333

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से हाहाकार मचा है। कोरोना संक्रमण के मरीजों की बेतहाशा बढ़ोतरी के चलते स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। देश भर के अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर, कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा रेमडेसिविर और ऑक्सीजन की भारी किल्लत चल रही है, जिसके चलते मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ती जा रही है। इस बीच रविवार को केंद्र सरकार ने 162 से ज्यादा ऑक्सीजन संयंत्र लगाने को मंजूरी दे दी है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि 162 ऑक्सीजन संयंत्र में से 33 पहले ही स्थापित किए जा चुके है, जिनमें से पांच मध्यप्रदेश में, चार हिमाचल प्रदेश में, तीन-तीन चडीगढ़, गुजरात और उत्तराखंड में और दो-दो बिहार, कर्नाटक, और तमिलनाडु में बनाए गए हैं।  इसके अलावा आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, पुडुचेरी, पंजाब और उत्तर प्रदेश में एक-एक संयंत्र लगाया गया है।

हाल ही में केंद्र सरकार ने देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 50 हजार मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन विदेश से आयात किए जाने की जानकारी दी थी। केंद्र सरकार ने बयान जारी कर कहा था कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों के चलते 50 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन के लिए निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी, जबकि इसके संसाधनों और उत्पादन क्षमता का अत्यधिक मामलों वाले 12 राज्यों की जरूरतों को पूरा करने के लिए चिह्नीकरण किया गया है। इसने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को इसके लिए निविदा प्रक्रिया को पूरा करने तथा विदेश मंत्रालय के मिशनों द्वारा चिह्नित आयात के लिए संभावित संसाधन तलाशने का भी निर्देश दिया गया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वह इस संबंध में आदेश जारी कर रहा है और इसे गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया जाएगा। इसकी ज्यादा जरूरत वाले 12 राज्यों में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान शामिल हैं। बता दें कि महाराष्ट्र समेत कई ऐसे राज्य हैं, जहां कोरोना मरीजों के इलाज के दौरान ऑक्सीजन की किल्लत की खबरें सामने आई हैं।