मुंबई। ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरेन की मौत के मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को संदेह है कि पिछले साल नवंबर में औरंगाबाद से चोरी हुई मारुति ईको कार में उसकी हत्या की गई होगी। हिरेन की कथित हत्या मामले की पहले जांच कर चुके महाराष्ट्र एटीएस के एक अधिकारी ने कहा कि ठाणे जिले में हिरेन का शव मिलने से एक दिन पहले चार मार्च को ईको कार एक अन्य कार के साथ दिखाई दी थी। संदेह है कि वह कार मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाझे चला रहे थे।
बताया गया है कि हिरेन उस स्कॉर्पियो कार का मालिक थे, जिसमें 25 फरवरी को दक्षिण मुंबई में स्थित उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के निकट विस्फोटक सामग्री रखी मिली थी। अंबानी की सुरक्षा में सेंध और हिरेन की हत्या के मामले की जांच फिलहाल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रहा है, जिसने इस सिलसिले में 13 अप्रैल को वाझे को गिरफ्तार किया था।
संदेह है कि ईको कार 16 नवंबर को औरंगाबाद शहर के सिटी चौक इलाके से चोरी की गई और फिर हिरेन की हत्या में उसका इस्तेमाल किया गया। जांचकर्ताओं को संदेह है कि हिरेन की हत्या की साजिश पिछले साल नवंबर में रची गई थी। एटीएस अधिकारी ने कहा कि 4 मार्च को ईको कार में कम से कम दो लोगों के होने के बारे में पता चला है। अधिकारी ने कहा है कि संदेह है कि आरोपियों ने हिरेन को उस वाहन में बिठाए रखा और बाद में उसकी हत्या कर दी।
उन्होंने कहा कि ईको कार का पता चलना अभी बाकी है। हो सकता है कि आरोपियों ने सबूत मिटाने के लिये उसको नष्ट कर दिया हो। पुलिस उन गैरेज में ईको कार की तलाश कर रही है, जहां वाहनों को नष्ट किया जाता है। एनआईए को जांच के दौरान मुंबई में मीठी नदी से ईको कार के नंबर प्लेट के अलावा कुछ इलेक्ट्रोनिक सामान और एक लैपटॉप मिला था।
सूत्रों ने बताया था कि हिरेन की हत्या वाले दिन वाझे दक्षिण मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से ठाणे जाने के लिए एक लोकल ट्रेन में सवार हुआ था। सूत्रों के अनुसार वह उस दिन (चार मार्च को) कथित रूप से शाम साढ़े सात बजे बदलापुर जाने वाली ट्रेन में सवार हुआ था।