मुंबई। एंटीलिया केस में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। एनआईए के सामने सचिन वाजे ने प्रदीप शर्मा का नाम लिया है। वाजे ने एनआईए के सामने यह कबूल करते हुए कहा कि मनसुख हिरेन से मुलाकात के समय एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रहे प्रदीप शर्मा साथ था। बता दें, वाजे ने प्रदीप शर्मा पर जिलेटिन लाने का भी आरोप लगाया है। साथ उसने बताया कि मनसुख को फोन करते वक्त प्रदीप साथ था।
यही नहीं बल्कि गुजरात से लाया गया सिम प्रदीप इस्तेमाल करता था। अब इस मामले में NIA की टीम वाजे और प्रदीप को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करेगी। इससे पहले गुरुवार को एनआईए ने एनकाउंटर स्पशलिस्ट रहे प्रदीप शर्मा से करीब 7.30 घंटे पूछताछ की।
बता दें, प्रदीप शर्मा ने जब मुंबई में कदम रखा था तब अंडरवर्ल्ड अपने चरम पर था। दाऊद इब्राहीम और छोटा राजन जैसे नामी अपराधी मुंबई पुलिस की हिट लिस्ट में थे। 83 बैच के इस अधिकारी के नाम कई कारनामे दर्ज है। 2008 में IB ने दावा किया था कि प्रदीप शर्मा और दाऊद के गुर्गे छोटा शकील के बीच बातचीत हुई। इस पर उन्हें बर्खास्त भी किया गया था। 2009 में प्रदीप को बहाल किया गया।
उन्हें मुंबई क्राइम ब्रांच टीम का हिस्सा बनाया गया था और इस टीम को मुंबई से अंडरवर्ल्ड को खत्म करने की जिम्मेदारी दी गई थी। शर्मा ने वसूली रैकेट का भंडाफोड़ किया था और 90 के दशक में इस टीम ने मुंबई में अंडरवर्ल्ड के 300 से ज्यादा अपराधियों को मार गिराया था। लखन भईया नाम के शख्स के फर्जी एनकाउंटर का आरोप प्रदीप शर्मा पर लगा था। इस केस में करीब चार साल तक प्रदीप शर्मा जेल में बंद रहे।
साल 2017 में प्रदीप शर्मा की वापसी परमबीर सिंह ने कराई और ठाणे पुलिस के ANTI-EXTORTION CELL के वरिष्ठ अधिकारी बने। चार्ज लेने के एक महीने बाद प्रदीप शर्मा ने दाऊद के छोटे भाई और वांटेड गैंगस्टर इकबाल कास्कर को पकड़ने में सफलता हासिल की थी। अपनी सेवा पूरी होने से 9 महीने पहले उन्होंने रिटायरमेंट ले लिया था और शिवसेना में शामिल हो गए थे। बता दें पालघर के नालासोपाड़ा सीट से प्रदीप शर्मा ने अपनी राजनीतिक किस्मत भी आजमाई थी लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा ।