भरतपुर में 2 अफसरों की लड़ाई में स्वास्थ्य भवन नीलाम, जानिए क्या है मामला

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भरतपुर। भरतपुर में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। एक अधिकारी की बदले की कार्रवाई और विभाग की लापरवाही पर कोर्ट नाराज हो गया और स्वास्थ्य भवन को ही नीलाम करना पड़ा। कोर्ट की सख्ती पर गुरुवार को स्वास्थ्य भवन 1.13 करोड़ रुपए में नीलाम हो गया। नीलामी प्रक्रिया में तीन लोगों ने हिस्सा लिया, जिसमें से अध्यापक भगवान सिंह ने आखिरी बोली लगाकर भवन अपने नाम किया।

आखिर क्यों नीलाम हुआ भवन: खाद्य सुरक्षा अधिकारी भगवान सिंह पुत्र प्रेम सिंह जाट के पास एक डेयरी की शिकायत मिली। इस पर इन्होंने डेयरी के दूध का सैंपल जांच के लिए ले लिया। बाद में वह डेयरी विभाग के ही एक अधिकारी के भाई की निकली। सैंपल की जांच से नाराज अधिकारी भाई ने भगवान सिंह के जारी किए गए लाइसेंस पर जांच बैठा दी। इसकी ऑडिट कराई और 93000 रुपए की रिकवरी निकाल दी गई। इसके आधार पर वसूली शुरू कर दी गई। 2014 में भगवान सिंह जब रिटायर हुए तो उनकी ग्रेच्युटी की राशि में से रिकवरी की रकम काट दी गई। इसके बाद भगवान सिंह ने कार्रवाई पर प्रश्न चिह्न लगाया।

वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीनाथ शर्मा ने बताया कि वर्ष 2015 में सिविल कोर्ट में वादी भगवान सिंह की ओर से दावा दायर किया गया। इसमें राजस्थान सरकार, निदेशक चिकित्सा विभाग, पेंशन निदेशालय, CMHO को पक्षकार बनाया गया। वादी पक्ष का कहना था कि फूड सेफ्टी नियम के तहत CMHO लाइसेंस जारी करते हैं तो किसी दूसरे को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता है। 2 मार्च 2019 को दावा वादी के हक में तय हुआ। न्यायालय ने रिकवरी को गलत माना और 93 हजार रुपए 12% ब्याज दर से प्रति वर्ष के हिसाब से वापस किए जाने के आदेश दिए।

कोर्ट के आदेश के बाद भी राशि नहीं दी गई। इस पर सुनवाई की गई। इजराय में कोर्ट के आदेश पर 1 लाख 51 हजार की ब्याज सहित राशि वसूली करने के लिए CMHO ऑफिस, फर्नीचर आदि को 13 मार्च 2020 को कुर्क किया गया। लेकिन कुर्की के बाद भी भुगतान नहीं किया गया। अंत में 18 मार्च 2021 को कोर्ट ने स्वास्थ्य भवन को ही 1 अप्रैल को नीलाम करने का आदेश दे दिया।

इस पर गुरुवार सुबह अमीन वीरेंद्र गुप्ता के नेतृत्व में टीम स्वास्थ्य भवन पहुंची और नीलामी की कार्रवाई शुरू की गई। सेल अमीन वीरेंद्र गुप्ता ने बताया कि अब ये पूरी कार्रवाई न्यायालय में पेश की जाएगी। न्यायालय के आदेश पर ही नीलामी कंफर्म होगी।

CMHO डाॅ. कप्तान सिंह ने बताया कि जिस समय नीलामी की कार्रवाई स्वास्थ्य भवन पर की गई थी, उस समय मैं कलेक्ट्रेट में प्रभारी मंत्री की आवश्यक बैठक में गया था। बाद में बकाया एक लाख 51 हजार 849 रुपए का भुगतान चैक से कर दिया गया। इस राशि का चैक राजकीय अधिवक्ता के पास जमा कराकर कोर्ट के आदेश की पालना कर दी है। तारीख पेशी से पहले कोर्ट खुलते ही चैक जमा हो जाएगा।