जयपुर। प्रदेश के सभी निवासियों को बीमारी के इलाज के भारी-भरकम खर्च से मुक्ति दिलाने के लिए राज्य सरकार 1 मई से मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने जा रही है। इसके तहत प्रत्येक परिवार को सरकारी और योजना से सम्बद्ध निजी अस्पतालों में भर्ती होने पर प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये तक के उपचार की सुविधा मिल सकेगी। योजना में पंजीयन के लिए एक अप्रेल से ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर लगाए जाएंगे। इनमें कोई भी व्यक्ति अपना रजिस्ट्रेशन करवा कर योजना से जुड़ सकता है। स्वास्थ्य बीमा योजना में पहले से लाभान्वित हो रहे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और सामाजिक-आर्थिक जनगणना के पात्र परिवारों को पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं है।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर एक बैठक में योजना की तैयारियों को लेकर समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि योजना को लागू करने के लिए आवश्यक तैयारियां शीघ्र पूरी की जाएं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा और जांच योजना से मरीजों को पहले से ही ओपीडी सेवाओं में निःशुल्क चिकित्सा का लाभ मिल रहा है। अब चिरंजीवी योजना से प्रदेश के लोग इलाज पर होने वाले बडे़ खर्चें से मुक्त हो सकेंगेे। लोगों को सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ इस योजना से जुड़े निजी अस्पतालों में भर्ती होने पर निःशुल्क उपचार मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को योजना की जमीनी स्तर पर सफल क्रियान्विति करने के लिए दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। आमजन तक योजना की जानकारी पहुंचाने के लिये विशेष प्रयास हों। यह सुनिश्चित किया जाए कि राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना से कोई भी पात्र परिवार वंचित नहीं रहे।
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और सामाजिक आर्थिक जनगणना के पात्र लाभार्थियों के साथ-साथ संविदाकर्मियों, लघु एवं सीमांत कृषकों को भी योजना में चिकित्सा सुविधा का लाभ निःशुल्क मिल पायेगा। इसके अलावा प्रदेश के अन्य सभी परिवारों को बीमा प्रीमियम की 50 प्रतिशत राशि पर 5 लाख रूपये तक चिकित्सा सुविधा का लाभ मिल सकेगा। इसके लिए लोग 1 अप्रेल से स्वयं ऑनलाइन अथवा ई-मित्र पर जनआधार से लिंक प्लेटफॉर्म के माध्यम से पंजीयन करवा सकते हैं।
चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने कहा कि चिरंजीवी योजना स्वास्थ्य के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी। इससे चिकित्सा पर लगने वाले बड़े खर्चाें से आमजन को मुक्ति मिलेगी और उसे गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा मिल पाएगी। बैठक में राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी की सीईओ अरुणा राजोरिया तथा संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री काना राम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।