हेल्थ टिप्स : स्वच्छ गन्ने का रस पीना सेहत के लिए लाभकारी

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डॉ. सुधींद्र श्रृंगी
एमडी आयुर्वेद
कोटा।
दांतों से चूस कर गन्ने का रस लेना सबसे अच्छा है। पर कोलगेट-पेप्सोडेंट और जंक फ़ूड की कृपा से यह हर एक के लिए तो संभव नहीं। इसलिए ऐसा गन्ने के रस वाला चुने जो साफ़ सफाई से रस निकालता हो। अपने साथ एक डब्बा ले कर उसमे रस भरवाया जा सकता है।

जब भी धूप में घूमते हुए गन्ने का रस पिने का मन हो एक दम से धूप में से छाँव में आ कर रस नहीं पीना चाहिए। 10 मिनट बाद पिए। इसमें पालक, पुदीना, अदरक, निम्बू , काला और सेंधा नमक, काली मिर्च आदि मिलवा कर पीना चाहिए। गन्ने के रस में ज्यादा बर्फ मिलाकर नहीं पीना चाहिए, सिर्फ रस पीना ज्यादा फायदेमंद है।

इसे पीने से कई तरह की बीमारियां जैसे, एनीमिया, जौण्डिस, हिचकी आदि ठीक हो जाते हैं। – – अम्लपित्त, रोगों में गन्ने का ताजा रस काफी फायदेमंद है। बुखार होने पर गन्‍ने का सेवन करने से बुखार जल्दी उतर जाता है। पीलिया ठीक करने के लिये रोज दो गिलास गन्‍ने के रस में नींबू और नमक मिला कर पीना चाहिये।

इंग्लैण्ड के डेनीमीड हैल्थ सेण्टर के डॉ. टी.जे. गोल्डर ने सामान्य मनुष्यों और मधुमेह के रोगियों पर प्रयोग से पाया कि गन्ने का रस या राव खिलाने पर रक्त की शर्करा में उल्लेखनीय वृद्धि नहीं होती। जबकि शक्कर जो इसी रस के कृत्रिम विधि द्वारा तैयार की जाती है, देने पर रक्त में एकदम बढ़ती है। लीवर आदि अंगों की कार्य क्षमता में बाधक बनती है।

एसीडिटी के कारण होने वाली जलन में भी गन्ने का रस लाभदायक होता है। गन्ने के रस का सेवन यदि नींबू के रस के साथ किया जाए तो पीलिया जल्दी ठीक हो जाता है।
मूत्र पथ के संक्रमण, यौन संचारित रोगों और पेट में सूजन आदि गन्‍ने के रस से ठीक हो जाती है।

पथरी तभी बनती है जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है और लगातार पानी की कमी को पूरा करने से यह ठीक भी हो जाती है। इसे गायब करने के लिये रोज गन्‍ने का रस पीजिये। क्‍योंकिे यह स्‍टोन को तोड़ कर उसे घुला देता है।

गन्‍ने में बहुत सा विटामिन और मिनरल पाया जाता है जो कि शरीर के लिये बहुत अच्‍छा माना जाता है। गन्ने के रस में फास्फोरस, लोहा, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है।

यदि आप सोचते हैं कि गन्‍ने का रस मीठा होता है इसलिये यह सर्दी, जुखाम में पीने के लिये खराब है तो आप गलत हैं। यह सर्दी जुखाम को पल भर में सही कर देता है।अल्‍कलाइन प्रकृति होने की वजह से यह कैंसर से सुरक्षा प्रदान करता है। विशेष रूप से प्रोस्‍ट्रेट, पेट, फेफड़े और स्तन कैंसर।

कई लोगों को ज्‍यादा पानी पीने की आदत नहीं होती जिससे उन्‍हें डीहाइड्रेशन हो जाता है। शरीर में पानी की कमी ना होने पाए इसके लिये गन्‍ने का रस पीजिये। गर्मियों में भी अपने शरीर को ठंडा रखने के लिये गन्‍ने का रस पीजिये। गन्ने के रस में अदरक का रस एवं नारियल पानी मिलाकर सेवन करने से पाचन क्रिया सुधरती है। हृदय की जलन व कमजोरी दूर होती है। यह जीवनीशक्ति व नेत्रों की आर्द्रता को कायम रखता है।