नई दिल्ली। अपने टॉप अधिकारियों की गिरफ्तारी और पेनाल्टी का खतरा महसूस कर ट्विटर ने भारत सरकार की बात माननी शुरू कर दी है। सरकार की ओर से दी गई अकाउंट्स की लिस्ट में कुछ को ब्लॉक किया गया है। इन हैंडल्स से कथित तौर पर ‘भड़काऊ और नफरत बढ़ाने वाले कमेंट्स’ किए गए थे। ट्विटर ने सरकार को आश्वासन दिया है कि वह उसकी चिंताओं को समझ रहा है और जो नोटिस में जिन हैंडल्स का जिक्र किया गया था, उनके कंटेंट को देखा जा रहा है। आईटी मिनिस्ट्री ने आईटी ऐक्ट की धारा 69A के तहत ट्विटर को नोटिस भेजा था।
#ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग के साथ ट्वीट करने वाले 257 हैंडल्स में से 126 को डीऐक्टिवेट किया जा चुका है। कुछ दिन पहले, ट्विटर ने इनको ब्लॉक कर दिया था मगर कुछ देर बाद ही, ज्यादातर अकाउंट्स को अनब्लॉक करते हुए कहा कि उनके ट्वीट्स ‘फ्री स्पीच और समाचार लायक थे।’ अब उनमें से कई को फिर ब्लॉक कर दिया गया है। सरकार ने 1,178 अकाउंट्स की एक और लिस्ट भी भेजी थी जिनके खालिस्तान और पाकिस्तान से जुड़े होने का शक था। इनमें से 583 को डीऐक्टिवेट किया जा चुका है। सरकार का मानना है कि इन अकाउंट्स की गतिविधियां ‘किसान आंदोलन के संबंध में व्यवस्था के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं।’
खालिस्तान प्रेमियों पर केंद्र सख्त
ट्विटर ने मंगलवार को कहा था कि कि वह सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री से औपचारिक संवाद करना चाहती है। ट्विटर ने कहा कि अपने कर्मचारियों की सुरक्षा ‘उसकी पहली प्राथमिकता’ है। ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम सम्मानजनक स्थिति के लिए भारत सरकार के साथ संपर्क बनाए रखेंगे और हम इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री से औपचारिक संवाद के लिए संपर्क किया है।’’
ट्विटर को सरकार ने दी थी चेतावनी
सरकार ने ट्विटर को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर वह निर्देशों का अनुपालन नहीं करती तो संबंधित धाराओं के तहत जुर्माना या सात साल की जेल हो सकती है। इस बीच, ट्विटर की भारत एवं दक्षिण एशिया में सार्वजनिक नीति की निदेशक महिमा कौल ने भी इस्तीफा दे दिया है जिससे उनके जाने की परिस्थितियों को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। कंपनी का कहना है कि कौल का इस्तीफा इस मामले से जुड़ा नहीं है।