नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2020-21 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में बीपीसीएल का मुनाफा 120 प्रतिशत उछलकर 2,777.6 करोड़ रुपये रहा। इससे पूर्व वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में कंपनी को 1,260.6 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। तेल के दाम में वृद्धि से पहले के बचे माल पर हुए लाभ के कारण कंपनी को फायदा हुआ है। देश में बीपीसीएल की चार रिफाइनरी हैं। उसने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में प्रत्येक एक बैरल कच्चे तेल को ईधन में तब्दील करने पर 2.47 डॉलर का लाभ कमाया। कंपनी की बिक्री 1.4 प्रतिशत बढ़कर 86,579.9 करोड़ रुपये रही।
बीपीसीएल के निदेशक (वित्त) एन विजय गोपाल ने कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष में लाभ के रूप में तीसरी तिमाही काफी बेहतर रही। हम बिक्री के मामले में कोविड पूर्व स्तर पर आ गये हैं।’’ कंपनी को पहले के बचे तेल से 771 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। कंपनी ने ईंधन तैयार करने के लिये कच्चा तेल कम दाम पर खरीदा था, लेकिन बाद में दाम बढ़ने से उसे ऊंचे मूल्य पर बेचा। इसके अलावा कंपनी को 76 करोड़ रुपये का विदेशी विनिमय लाभ भी हुआ है।
निदेशक ने कहा कि ईंधन मांग 2020 के मुकाबले 2021 में बेहतर रहेगी और 2022 में इसमें सुधार होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमने चालू वित्त वर्ष के लिये पूंजी व्यय के लक्ष्य को संशोधित कर 9,000 करोड़ रुपये कर दिया है जबकि पूर्व में 8,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य था। हम 31 दिसंबर, 2020 तक 5,688 करोड़ रुपये पहले ही खर्च कर चुके हैं।’’बता दें कि सरकार का अगले वित्त वर्ष में बीपीसीएल, एयर इंडिया, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, बीईएमएल, पवन हंस, नीलाचल इस्पात निगम लि. और अन्य कंपनियों के रणनतिक विनिवेश को पूरा करने का लक्ष्य है।