नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से गुरुवार को दिल्ली के नया बाजार में चना, अरहर, उड़द के साथ ही मध्य प्रदेश के काबुली चना और चीन की राजमा की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। राजस्थानी चना के दाम 150 रुपये तेज होकर 4,750 से 4,775 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 4,725 से 4,750 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मसूर की कीमतों में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 4,525 से 4,550 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
बर्मा की नई लेमन अरहर की कीमतों में दिल्ली में लगातार छटे दिन 100 रुपये की तेजी आकर भाव 6,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। अरहर की कीमतों में तेजी को इसलिए भी समर्थन मिल रहा है क्योंकि नेफेड ने 30 जनवरीए 2021 से अरहर की बिक्री बंद कर दी। इसी तरह से चेन्नई से फरवरी डिलीवरी की अरहर की कीमतें 150 रुपये बढ़कर 6300 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। इस दौरान हरियाणा लाईन की नई अरहर के दाम 200 रुपये बढ़कर 6000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। कर्नाटक लाईन की नेफेड द्वारा खरीदी हुई पुरानी अरहर के दाम दिल्ली में 125 रुपये बढ़कर 6650 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
बर्मा में लेमन अरहर नई के भाव 40 डॉलर की तेजी आकर भाव 750 डॉलर प्रटिन हो गए, जबकि राुनी के दाम 20 डॉलर तेज होकर 690 डॉलर प्रति टन बोले गए। चेन्नई और मुंबई में कीमतों में आए सुधार से दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से दिल्ली में बर्मा उड़द एसक्यू और एफएक्यू में 100-100 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमशः 8,850 रुपये और 7,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
बर्मा में उड़द एफएक्यू के दाम 5 डॉलर बढ़कर 810 डॉलर प्रति टन हो गए, जबकि एसक्यू की कीमतों में 20 डॉलर की तेजी आकर भाव 960 डॉलर प्रति टन हो गए।हाजिर स्टॉक कम होने के साथ ही मिलों की मांग में आए सुधार से दिल्ली में चीन की चित्रा राजमा के भाव 100 रुपये बढ़कर 11ए700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस बीच, मद्रास लाईन की चित्रा सॉर्टेक्स और शर्मिला छोटी किस्म के साथ-साथ पूना लाईन की सॉर्टेक्स किस्म की राजमा के दाम स्थिर बने रहे।
स्थानीय मिलों की मांग बढ़ने इंदौर लाईन के काबुली चना के दाम 200 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए। हालांकि महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और इंदौर में आगामी दिनों में नए काबूली चना की आवक शुरू होने की उम्मीद है। आयात शुल्क ज्यादा होने के कारण विदेशी से आयात पड़ते नहीं लगेंगे।
दलहन आयात पर जो एलडीसी का लाभ मिलता है, वह केवल बेसिक आयात शुल्क पर ही मिलेगा, इसका लाभ नए एग्री इंफ्रा डेवलपमेंट सेस पर नहीं मिलेगा। सीमा शुल्क द्वारा उत्पन्न नवीनतम आयात बिल के अनुसार, यह स्पष्ट है कि केवल मूल कस्टम ड्यूटी को माफ किया गया है, लेकिन एआईडीसी को व्यावहारिक रूप से अतिरिक्त अधिभार द्वारा उतारे गए मूल्यों को लेने के लिए लगाया गया है।