कोटा। भारत की प्रमुख हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों में से एक मैक्स बूपा ने आज कोटा और राजस्थान के अन्य बाजारों में अपनी विस्तार योजनाओं की घोषणा की। कंपनी ने यह विस्तार वृद्धि के अगले चरण की रणनीति के अंतर्गत किया है। मैक्स बूपा के ग्राहक शहर में 20 नेटवर्क अस्पतालों और देश भर में 6000 से अधिक अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। उन्हें 30 मिनट के भीतर कैशलेस क्लेम्स की पूर्व मंजूरी जैसे लाभों तक भी पहुंच मिलेगी और इस तरह क्वालिटी हेल्थकेयर को और सुलभ बनाया जाएगा।
कोविड-19 महामारी की वजह से लोगों को सही समय पर उचित इलाज के दौरान होने वाले भारी भरकम खर्च के कारण हेल्थ इंश्योरेंस की अहमियत का अहसास हुआ है। राजस्थान में बीमा एजेंटों के बीच किए गए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि कोविड-19 महामारी के बाद की स्थिति में हेल्थ इंश्योरेंस की मांग में काफी तेजी आई है। सर्वेक्षण में यह बात सामने आई कि कोटा में हेल्थ इंश्योरेंस प्रोक्डट्स की काफी मांग है, बावजूद इसके कि यहां के लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर समझ काफी कम है। इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए अधिक लोगों को स्वास्थ्य बीमा के दायरे में लाने के लिए मैक्स बूपा ने इस शहर और राजस्थान के अन्य बाजारों में अपनी मौजूदगी का विस्तार किया है।
मैक्स बूपा ने अगले पांच सालों में कोटा में 5 करोड़ रुपये का ग्रॉस रिटेन प्रीमियम हासिल करने और पॉलिसी खरीदारी में 21 गुणा वृद्धि करने का लक्ष्य तय किया है। कंपनी इसके साथ ही कोटा के लोगों के लिए कई अन्य कारोबारी अवसर भी लेकर आएगी जिसमें 2024-25 तक करीब 800 एजेंट को शामिल करना है। कंपनी महिलाओं और गृहिणियों को पर्याप्त प्रशिक्षण देकर उन्हें एजेंट बनने के लिए प्रोत्साहित करेगी ताकि उन्हें वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिल सकें।
पांच सालों में 7,500 लोगों को हेल्थ कवर मुहैया कराने की योजना
मैक्स बूपा कोटा में अपना परिचालन शुरू कर रहा है और इसका मकसद अगले पांच सालों में करीब 7,500 लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस के दायरे में लाना है। कोटा और राजस्थान के अन्य बाजारों में अपनी विस्तार योजनाओं के बारे में कंपनी के डायरेक्टर (रिटेल) अंकुर खरबंदा ने कहा, ”कोविड-19 के कारण लोगों में हेल्थ इंश्योरेंस के फायदों के बारे में जागरुकता में बढ़ोतरी हुई है। कोविड-19 महामारी की वजह से स्वास्थ्य के बढ़ते जोखिम और महंगे इलाज की वजह से लोग हेल्थ इंश्योरेंस की खरीदारी को प्राथमिकता दे रहे हैं ताकि वह अप्रत्याशित चिकित्सकीय खर्च और योजनाबद्ध तरीके से इलाज का खर्च उठा सकें। हमें मेट्रो के साथ ही उभरते टियर 2 और टियर 3 बाजारों से भी हेल्थ कवर्स की मांग देखने को मिल रही है।”