कोटा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला का हाल ही भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन हुआ है। उसके बाद से अंजलि बिरला को सोशल मीडिया पर बैक डोर एंट्री टैग लाइन से ट्रोल किया जा रहा है। अंजली बिरला ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू मैं बैक डोर एंट्री नाम से ट्रोल करने वालों को अंजलि बिरला ने फ्रंट फुट पर आकर जवाब दिया है। अंजलि बिरला का नाम सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा 2019 के लिए मेरिट रोल में भी है। लेकिन सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया कि उसने अपने पिता लोकसभा स्पीकर के पद से लाभ उठाया है और उन्हें ‘बैकडोर रास्ते’ के माध्यम से सिविल सर्विस में चुना गया है।
अंजलि बिरला ने टीवी न्यूज़ चैनल को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि सिविल सेवा की परीक्षा के बिना उसे पास करने की अफवाहें और सोशल मीडिया पोस्ट ने उसे पहले तो प्रभावित किया, लेकिन उसे सार्वजनिक सेवा में भविष्य के लिए दृढ़ कर दिया। अंजली ने बताया, कि ‘ट्रोलिंग के खिलाफ एक सख्त कानून होना चाहिए। हमें लोगों का पता लगाना चाहिए और उन्हें फर्जी खबर फैलाने वालों को जिम्मेदार ठहराना चाहिए। आज मैं एक पीड़ित हूं, कल कोई और पीड़ित हो सकता है।’
अजलि ने महज 23 की उम्र में पहले प्रयास में ही तीन चरणों की परीक्षाओं में सफलता हासिल की है। उसका नाम सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा 2019 के लिए मेरिट रोल में भी है। लेकिन सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स ने इसके पीछे उसके पिता के पद और पहुंच को बताया गया। उसके चयन को ‘बैकडोर एंट्री’ बताया गया। इसपर अंजलि कहती हैं कि ‘मुझे लगता है कि इस तरह की अफवाहों ने मुझे और मजबूत बनाया है। इसने मुझे एक व्यक्ति के रूप में परिपक्व बनाया है।’ अंजलि बिरला ने कहा, ‘मैं पूरे समय खुद के लिए ईमानदार थी। मेरे करीबी और परिचित लोगों को पता है कि मैंने कितनी मेहनत की है।’
ट्रोलिंग के बीच एक पोस्ट में अंजलि लिखती हैं, ‘UPSC सिविल सेवा परीक्षा एक वर्ष में तीन चरणों में आयोजित की जाती है और यदि आप इन तीनों को पास करते हैं तो आप केवल एक सिविल सेवक बन सकते हैं। UPSC CSE अत्यंत निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया है। कोई बैकडोर एंट्री नहीं है। कृपया कम से कम संस्था का सम्मान करें।’ अंजलि बताती है कि उन्होंने परीक्षा से एक साल पहले तैयारी शुरू कर दी थी। हर दिन 8 से 12 घंटे पढ़ाई की। इसे क्रैक करने के लिए बहुत तैयारी की आवश्यकता होती है। परीक्षा में सफलता के लिए निरंतरता की आवश्यकता होती है।