नई दिल्ली। भारतीय लोगों की बैंकिंग व केवाईसी से जुड़ी जानकारी चोरी होने का सिलसिला जारी है। जस्ट पे (JUST Pay ) के 3.5 करोड़ लोगों के डाटा के बाद अब दिल्ली एनसीआर की ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी एक्सजेंच और वॉलेट कंपनी बाययूकॉइन से जुड़े 3.25 लाख लोगों का गोपनीय डाटा डार्क वेब पर लीक हो गया है।
साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञ राजशेखर राजहरिया ने बताया कि इस डाटा में उपयोगकर्ताओं का नाम, ईमेल, मोबाइल नंबर, एन्क्रिप्टेड पासवर्ड, बैंक डिटेल, बैंक का आईएफएससी कोड, बैंक खाते का प्रकार, पैन कार्ड नंबर, पासपोर्ट नंबर, जमा राशि से जुड़ी जानकारियों के साथ यूजर वॉलेट ऑर्डर और केवाईसी डिटेल से जुड़ी जानकारीयां शामिल हैं।
राजहरिया के अनुसार मोंगाडीबी डाटाबेस में छह जीबी के डाटा की करीब तीन बैकअप फाइल भी हैं। जिसमें बाययूकॉइन का डाटा शामिल है। बाययूकॉइन के 3.5 लाख से अधिक ग्राहक हैं। बाययूकॉइन ने सफाई देते हुए कहा है कि उसे पिछले सिर्फ 200 लोगों का डाटा चोरी होने की सूचना मिली थी। जो डाटा चोरी हुआ था उसमें कोई संवेदनशील या गोपनीय डाटा नहीं था। किसी का डाटा चोरी नहीं हुआ है। कंपनी बिटकॉइन, एथेरियम, रिपल जैसे डिजिटल असेट्स की ट्रेडिंग करती है।
डार्क वेब पर जाना खतरनाक
डाटा का डार्क वेब पर जाना खतरनाक है क्योंकि ये वित्तीय व्यवस्था से जुड़ा है जिससे लोगों को भारी नुकसान हो सकता है। पिछली गर्मियों में शाइनीहंटर्स को लीक हुए डाटा को प्रकाशित करते देखा गया था। विशेषज्ञों के अनुसार, एक व्यक्ति जिस इंटरनेट की दुनिया को समझता है वो सिर्फ उसका चार फीसदी हिस्सा है। इंटरनेट का 96 फीसदी हिस्सा ऐसा है जो पूरी तरह गुप्त है और तकनीक की भाषा में डार्क वेब या डार्क नेट कहते हैं।