जयपुर। हाईकोर्ट ने एमएलए की खरीद-फरोख्त से जुडे एसीबी केस में आरोपी अशोक सिंह व भरत मालानी को राहत देते हुए उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। जस्टिस एसपी शर्मा ने यह अंतरिम निर्देश दोनों की याचिकाओं पर दिया। अधिवक्ता विवेक बाजवा व पंकज गुप्ता ने बताया कि एसओजी ने जुलाई 2020 में प्रार्थियों पर एमएलए खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए उन्हें गिरफ्तार किया था।
बाद में एसओजी ने एक महीने बाद क्षेत्राधिकार नहीं होने का हवाला देकर 7 अगस्त को कोर्ट में एफआर पेश कर दी। लेकिन अगले ही दिन 8 अगस्त को प्रार्थी आराेपियों के खिलाफ एसीबी में नया केस दर्ज कर लिया और कहा कि वह मामले की जांच करेगी।
इसे आरोपियों ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि नई एफआईआर पुराने साक्ष्यों पर ही आधारित है। साथ ही इस मामले में पहले से ही एसओजी में एक अन्य एफआईआर दर्ज थी, ऐसे में उन्हीं तथ्यों को लेकर दुबारा एफआईआर दर्ज करना सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ है। याचिका में कहा कि सीएम व डिप्टी सीएम के बीच चले सत्ता विवाद के कारण प्रार्थियों को फंसाया गया है। इसलिए उनके खिलाफ दंड़ात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई जाए।