नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर हो रहे किसानों के आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। आज इस पर सुनवाई होगी। याचिका में कहा गया है कि धरना-प्रदर्शन से आम लोगों को भारी परेशानी हो रही है। आज सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दाखिल की गई हैं।
केंद्र के तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ 20 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने मंगलवार को सख्त संदेश दिया कि वह किसी भी हाल में सरकार को तीनों कानून वापस लेने पर मजबूर करेंगे। किसान आज चिल्ला बॉर्डर जाम करेंगे और आने वाले दिनों में आंदोलन को और बड़ा किया जाएगा।
सिंघु बॉर्डर पर प्रेस कांफ्रेंस में किसान नेता जगजीत दल्लेवाल ने कहा, सरकार कह रही है कि कानून वापस नहीं लेंगे। हम भी साफ बता देते हैं कि सरकार को वापस लेने पर मजबूर कर देंगे। हमारी लड़ाई उस मुकाम पर पहुंच गई है कि अब हर हाल में हमें जीत ही चाहिए फिर चाहे कुछ भी हो जाए।
उन्होंने कहा, हम बातचीत से भाग नहीं रहे हैं, लेकिन सरकार को हमारी मांगों पर ध्यान देना होगा और ठोस प्रस्तावों के साथ आगे आना होगा। सरकार किसानों को दिल्ली आने से रोक रही है, इसके बावजूद किसानों का हौसला कम नहीं हो रहा। अगले तीन चार दिनों में और किसान महिलाएं इस आंदोलन में हिस्सा लेने पहुंचेंगी। हम आंदोलन को और बड़ा करेंगे।
किसान नेता ऋषिपाल ने कहा, जब से आंदोलन शुरू हुआ है हर दिन औसत एक किसान भाई की जान जा रही है। अब तक 20 किसान इस आंदोलन में शहीद हुए हैं। हम सब इन किसानों के सम्मान में 20 दिसंबर को श्रद्धांजलि दिवस के तौर पर मनाएंगे और देश भर के गांवों और तहसील मुख्यालयों पर 20 दिसंबर को सुबह 11 बजे से दोपहर 01 बजे तक श्रद्धांजलि दी जाएगी।
सरकार असली किसान संगठनों से बातचीत की इच्छुक: तोमर
सरकार और आंदोलन कर रहे कुछ किसान संगठनों में जारी तनातनी के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा, एमएसपी जैसे है, वैसे ही बरकरार रहेगी। सरकार सिर्फ असली किसान संगठनों से बातचीत आगे बढ़ाने को इच्छुक है। उन्होंने कहा, देश के तमाम राज्य इन तीनों कानूनों का समर्थन कर चुके हैं। इसके बावजूद सरकार असली किसान संगठनों के साथ उनकी समस्याओं पर खुलकर बात करने को तैयार है।
तोमर ने यह बयान यूपी के संगठन भारतीय किसान यूनियन (किसान) से मुलाकात के बाद दिया। संगठन ने कृषि कानूनों और एमएसपी से जुड़े कुछ सुझावों का एक ज्ञापन कृषि मंत्री को सौंपा और यूपी में अपना आंदोलन खत्म करने एलान किया। ये संगठन उन 40 किसान समूहों में नहीं हैं जो दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।