नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कोरोनावायरस वैक्सीन के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक को संबोधित किया। पीएम ने इसमें देश के वैज्ञानिकों पर भरोसा जताते हुए कहा कि अगले कुछ हफ्तों में ही देश में कोरोना वैक्सीन तैयार हो सकती है। पीएम ने कहा कि कोरोना वैक्सीन को लोगों तक पहुंचाने की योजना भी तैयार हो चुकी है और केंद्र और राज्य सरकारें इसकी कीमतों पर चर्चा कर रही हैं, ताकि इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को ध्यान में रखते हुए तय किया जा सके पीएम ने कहा कि वैक्सीन की कीमतों में राज्यों की भूमिका सबसे अहम होने वाली है। 5 पॉइंट्स में पीएम के भाषण की खास बातें…
- बैठक में शामिल हुए विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारतीय वैज्ञानिकों को कोविड-19 का टीका विकसित करने में सफलता का पूरा भरोसा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विशेषज्ञ मानकर चल रहे हैं कि कोविड-19 के टीके के लिए अब बहुत ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा और माना जा रहा है कि यह कुछ सप्ताह में तैयार हो सकता है।’’
- मोदी ने कहा, ‘‘जैसे ही वैज्ञानिकों की हरी झंडी मिलेगी भारत में कोविड-19 टीकाकरण का अभियान शुरू कर दिया जाएगा।’’ मोदी ने कहा कि जहां तक कोविड-19 रोधी टीके की कीमत की बात है तो लोक स्वास्थ्य को शीर्ष प्राथमिकता दी जाएगी, राज्यों को पूरी तरह से शामिल किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया की नजर कम कीमत वाले सबसे सुरक्षित टीके पर है और यह स्वाभाविक है कि पूरी दुनिया की नजर भारत पर भी है।
- इससे पहले प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव दिये। इसके अलावा उन्होंने अलग-अलग दलों के प्रतिनिधियों से लिखित में भी इस संबंध में अपने सुझाव भेजने को कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि कई बार अफवाहें फैल जाती हैं जो जनहित और राष्ट्रहित के खिलाफ होती हैं। उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी जागरुकता फैलाने की है।
- भारत आज उन देशों में है जहां प्रतिदिन टेस्टिंग बहुत ज़्यादा हो रही है, रिकवरी रेट ज़्यादा है और जहां मृत्य दर कम है। भारत ने जिस तरह कोरोना के खिलाफ लड़ाई को लड़ा है वो प्रत्येक देशवासी की अदम्य इच्छाशक्ति को दिखाता है।
- पीएम ने कहा कि फरवरी-मार्च की आशंकाओं भरे, डर भरे माहौल से लेकर आज दिसंबर के विश्वास और उम्मीदों भरे वातावरण के बीच भारत ने बहुत लंबी यात्रा तय की है। अब जब हम वैक्सीन के मुहाने पर खड़े हैं तो वही जनभागीदारी, वही साइंटिफिक अप्रोच, वही सहयोग आगे भी बहुत जरूरी है।
बता दें कि महामारी की शुरुआत के बाद संक्रमण के हालात पर चर्चा करने के लिए सरकार की ओर से आयोजित यह दूसरी सर्वदलीय बैठक है। इससे पहले भी प्रधानमंत्री अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना से निपटने के लिए तैयारियों पर चर्चा कर चुके हैं।