कोरोना काल में शादियां: अब एक साथ नहीं, अलग-अलग दिन बुला रहे खाने पर मेहमान

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जयपुर। कोरोना काल में बहुत कुछ बदल गया लेकिन सबसे ज्यादा बदलाव शादियों में देखने को मिले। शादियों का ट्रेंड तो बदला ही है, मेहमानों की सीमित संख्या की सरकारी गाइडलाइन के चलते नए प्रयोग भी होने लगे हैं। 50, 100 या 200 मेहमान को बुलाने की बंदिशों की वजह से मेजबान नए सिरे से तैयारी कर रहे हैं। सभी मेहमानों को एक साथ न बुलाकर अलग-अलग दिन विभिन्न रस्मों के लिए न्योता भेजा जा रहा है। इसके लिए बाकायदा कार्ड भी अलग-अलग छपवाए जा रहे हैं। इनमें बन्दोली, बारात और प्रीतिभोज के लिए अलग-अलग न्योते हैं, ताकि सबकी उपस्थिति अलग-अलग कार्यक्रमों में ही सही, लेकिन हो जाए।

सबसे बड़ा नवाचार शादी का लाइव टेलीकास्ट किया जाना है। जो रिश्तेदार या परिचित विवाह में शामिल नहीं हो पा रहे हैं, उनके लिए आयोजन का लाइव प्रसारण करवाया जा रहा है। इसके लिए कार्ड पर लाइव शादी का लिंक दिया जा रहा है। साथ ही कहा जा रहा है कि पासवर्ड शादी के लिए बनाए विशेष वॉट्सएप ग्रुप पर भेजा जाएगा।

वेडिंग प्लानर बताते हैं कि कोरोना के चलते शादियों में भले मेहमानों की संख्या सीमित की गई हो, लेकिन इसे किस तरह खुशनुमा बनाया जाए, इसी सोच के साथ नए आइडिया निकाले जा रहे हैं। इन्हीं में से एक लाइव स्ट्रीमिंग है। शादियों के सीजन में 50-60% लोग इसकी मांग कर रहे हैं। जो लोग स्थानीय स्तर पर शादी कर रहे हैं, वे रिश्तेदारों के लिए खाने के पैकेट घर पहुंचाने की भी मांग कर रहे हैं।

शादियों के लिए लाइव टेलीकास्ट के ऑर्डर
एक सिनेमेटोग्राफर ने बताया कि लाइव स्ट्रीमिंग डिवाइस से कैमरा जोड़कर शादी का लाइव प्रसारण होता है। लिंक व पासवर्ड पार्टी को दे दिया जाता है। 60% शादी में ऐसे ऑर्डर आ रहे हैं। ऐसा बदलाव पहली बार है। एक ग्राफिक डिजाइनर के मुताबिक, ​​​​इस बार एक ही शादी में दो-तीन तरह के कार्ड छपवाए जा रहे हैं। उनमें आयोजन भी अलग-अलग लिख रहे हैं। टैग अलग से बन रहे हैं, जिसमें प्रीतिभोज की थाली का भी जिक्र है। केटरिंग का काम करने वाले बताते हैं कि घरों तक भोजन पैकेट भेजने की परंपरा कोरोना काल में शुरू हुई है। कैटरिंग के पैकेज के साथ घर-घर खाना पहुंचाने की जिम्मेदारी भी दी जा रही है।