बिहार विधानसभा भंग करने की सिफारिश, नीतीश का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा

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पटना। बिहार में नए जनादेश के अनुसार नई सरकार बनाने से पहले परंपराओं का निर्वहन करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर दी है। शुक्रवार की शाम कैबिनेट की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। नीतीश कुमार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कैबिनेट की बैठक की। दो मंत्रियों के निधन पर श्रद्धांजलि देने के बाद विधानसभा को भंग करने की सिफारिश का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा गया है। प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। बैठक के तत्काल बाद सीएम नीतीश कुमार अपना इस्तीफा देने राज्यपाल के यहां पहुंच गए।

बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के विधानमंडल दल की बैठक 15 नवंबर को होगी और उसमें नए मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार के नाम पर मुहर लगेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने आवास पर एनडीए के चारों घटक दल के नेताओं के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 15 नवंबर को दोपहर साढ़े 12 बजे एनडीए के विधानमंडल दल की बैठक होगी और उसमें नेता के चयन के साथ ही अन्य सारी चीजें तय होगी।

कुमार ने कहा कि बैठक में निर्णय होने के बाद सरकार बनाने के लिए राज्यपाल के समक्ष दावा पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवनिर्वाचित विधायकों की सूची राज्यपाल को सौंप दी गई है और उसके बाद अधिसूचना जारी हो गई है। वर्तमान में जो विधायक हैं वे अब 16वीं विधानसभा के सदस्य नहीं हैं। इसलिए, आज मंत्रिमंडल की बैठक जरूरी है।

इसके बाद नीतीश ने मंत्रिमंडल की बैठक की और 16वीं बिहार विधानसभा को भंग करने की सिफारिश कर दी गई। एनडीए की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुशील कुमार मोदी, पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी, वरिष्ठ नेता आर.सी.पी.सिंह, विजय कुमार चौधरी, विजेंद्र यादव और संजय झा मौजूद थे।