राज्‍यपाल ने गृहमंत्री से कहा- अर्णब के परिजनों को मिलने की अनुमति दें

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नई दिल्‍ली। रिपब्लिक टीवी के प्रमुख अर्णब गोस्‍वामी के लिए देशव्‍यापी आवाज उठ रही है। देश के विभिन्‍न शहरों में पत्रकार की गिरफ्तारी का जोरदार विरोध किया जा रहा है। आज दोपहर 3 बजे बॉम्‍बे हाईकोर्ट में अर्णब व दो अन्‍य आरोपियों की जमानत याचिका पर फैसला सुनाया जाएगा। इस बीच महाराष्‍ट्र के गवर्नर बीएस कोशियारी ने सोमवार को राज्‍य के गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) से बात की और रिपब्‍लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्‍वामी (Republic TV Editor Arnab Goswami) के स्‍वास्‍थ्‍य व सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा की। उन्‍होंने गृहमंत्री से यह भी कहा कि अर्णब के परिवार को उनसे मिलने और बात करने की अनुमति दें।

इसके अलावा एक पीटिशन लाया गया है जो अर्णब की रिहाई के लिए है। इस बीच मेजर जनरल बख्‍शी ने कहा है कि वे सोमवार को राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास जाएंगे। बॉम्‍बे हाई कोर्ट में सोमवार को अर्णब गोस्वामी और दो अन्य लोगों की तरफ से दायर अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई की जाएगी। जस्‍टिस एस. एस. शिंदे तथा जस्‍टिस एम. एस. कार्णिक की पीठ ने शनिवार को याचिकाओं पर दिनभर चली सुनवाई के बाद तत्काल कोई राहत दिए बिना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

बता दें कि इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने के फर्जी केस में पिछले सप्‍ताह बुधवार को अर्णब गोस्‍वामी को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उनके खिलाफ महिला पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट करने के आरोप में एक और FIR दर्ज की गई। इसके बाद उन्‍हें 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है जहां आज जमानत के लिए हाईकोर्ट में सुनवाई की जाएगी।

तलोजा जेल में बंद हैं अर्णब
रविवार को अर्णब को अलीबाग से तलोजा जेल ले जाया गया। जेल जाने के दौरान वैन में सवार अर्णब ने कहा था कि उनकी जान को खतरा है। साथ ही यह भी कहा कि उनके वकीलों से उन्‍हें मिलने नहीं दिया जा रहा है। साथ ही अर्णब ने आरोप लगाया कि उनके साथ मार-पीट की गई है।

अर्नब को झूठे मामले में फंसाने की साजिश
ज्ञातव्य है कि रायगढ़ पुलिस ने करीब एक साल इस मामले की जांच करने बाद अप्रैल 2019 में यह कहते हुए मामला बंद कर दिया था कि उसे जांच में आरोपियों के विरुद्ध कोई तथ्य नहीं मिला था। केस बंद किए जाने के बाद अन्वय का परिवार करीब साल भर चुप्पी साधे रहा। फिर मई 2020 में शरद पंवार और अनिल देशमुख ने अन्वय की पुत्री आज्ञा नाईकऔर उसकी मां को बुलाया और पैसों का लालच देकर इस मामले को खोलने के लिए ऑपरेशन अर्नब तैयार किया। टाइम्स ऑफ़ इंडिया को यह जानकारी उद्धव ठाकरे सरकार के केबिनेट मंत्री ने खुद दी। उन्होंने यह भी बताया कि नाइक का सुसाइड नोट भी फर्जी है।