टीवी पर मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर के जुल्म याद कर भावुक हुई साध्वी प्रज्ञा ठाकुर

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मुंबई। बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने बुधवार को रिपब्लिक भारत पर अर्नब गोस्वामी के शो में मुंबई कमिश्नर परमबीर सिंह के अत्याचारों की दास्तान सुनाई । सुनाते-सुनाते कई बार उनकी आँखें नम हो गई। साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि परमबीर को राजनैतिक संरक्षण मिल रहा है जिस वजह से उनकी पावर काफी है। वह बहुत पहले ही मुंबई के कमिश्नर बनना चाह रहे थे।

साध्वी प्रज्ञा ने आगे बताया कि उन्हें काफी यातनाएं दी गई थीं। एटीएस के अंडर उन्हें बहुत प्रताड़ित किया गया था। उन्होंने कहा ये व्यक्ति पहले ठाणे का कमिश्नर था। इससे पहले एटीएस में था। मैंने उस वक्त देवेंद्र फडणवीस को मैसेज कर कहा था कि ऐसे व्यक्ति को आप पुरस्कृत मत करिए। नहीं तो हम राष्ट्रभक्त क्या करेंगे?’

बीजेपी सांसद ने बताया-‘ ऐसे में देवेंद्र फडणवीस ने कहा की ठीक है हम कार्यवाही करेंगे। उस वक्त ये व्यक्ति मुंबई का कमिश्नर बनना चाहता था। लेकिन जैसे ही कांग्रेस आई वैसे ही ये कमिश्नर बन गया और अब जो महाराष्ट्र में अन्याय की पराकाष्ठा हो रही है, ये इसी कारण हो रही है। मुझे ये कहते हुए बहुत दुख होता है कि शिवसेना भी इसमें साथ है। परंतु मैं शिवसेना के बारे में कुछ भी नहीं कहूंगी। उसका कारण है कि अच्छे लोग भी जब कहीं किसी प्रकार से गलत निर्णय ले लेते हैं तो देश को भुगतना पड़ता है।’

बाला साहब ठाकरे पर बोलते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने कहा-‘क्योंकि मुझे बहुत अच्छे से याद है 2008 का वह समय जब मुझे अंदर किया गया था औऱ टॉर्चर किया गया था, भयानक यातनाएं दी जा रही थीं। उस वक्त बाला साहब ठाकरे ने एटीएस वालों को कहा था कि ‘साध्वी जी के साथ अन्याय मत करो, उनको छोड़ दो। क्योंकि वह गलत नहीं हैं। तुम्हारी चालों को मैं समझता हूं। अगर तुम लोगों ने ऐसा नहीं किया तो मैं तुम लोगों के पर्सनल नंबर पब्लिक कर दूंगा और फिर जनता तुम्हें घर पर घुसकर मारेगी।’

उन्होंने आगे बताया कि बाला साहब ठाकरे ने आगे क्या कहा था- ‘उन्होंने आगे कहा कि ‘अगर तुमने उनको नहीं छोड़ा तो 30 नवंबर 2008 को हम महाराष्ट्र बंद का आवाहन करेंगे।’ लेकिन उस वक्त हमारे देश पर एक बड़ी विपत्ति आई टैरर अटैक हुआ-26/11 हत्याकांड हुआ, जिसमें बहुत लोग शहीद हुए। इस कारण से ये मैटर छोटा हो गया ये सच भी है.. ये लड़ाई अभी भी जारी है। परंतु आज भी मैं बाला साहब ठाकरे को बहुत मानती हूं।’