कंपंसेशन सेस का वितरण सभी राज्यों को हो जाएगा, GST कॉउंसिल का निर्णय

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नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की सोमवार को हुई 42वीं बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस साल कंपंसेशन सेस के तौर पर वसूले गए 20,000 करोड़ रुपए का वितरण सभी राज्यों को कर दिया जाएगा। बकाए जीएसटी कंपंसेशन पर फैसले को आगे की बैठक के लिए टाल दिया गया। काउंसिल की अगली बैठक 12 अक्टूबर को होगी, जिसमें इस मुद्दे पर फिर से चर्चा होगी।

राज्यों के कर्ज लेने की सीमा बढ़कर 1.1 लाख करोड़ रुपए हुई
इससे पहले जीएसटी काउंसिल ने राज्यों की कर्ज लेने की सीमा को बढ़ाकर 1.1 लाख करोड़ रुपए कर दिया था। पहले यह सीमा 97,000 करोड़ रुपए रखी गई थी। काउंसिल ने जीएसटी कंपंसेशन सेस की वसूली के लिए 2022 की अंतिम समय सीमा भी खत्म कर दी। यानी अब 2022 के बाद भी कंपंसेशन सेस की वसूली होती रहेगी।

क्या है कंपंसेशन का विवाद?
सितंबर की बैठक में केंद्र ने कंपंसेशन सेस के बकाए की भरपाई के लिए राज्यों को दो विकल्प दिए थे। वे आरबीआई के स्पेशल विंडो से 97,000 करोड़ रुपए कर्ज ले सकते हैं या बाजार से 2.35 लाख करोड़ रुपए का लोन ले सकते हैं। विपक्ष शासित राज्यों ने दोनों ही विकल्पों को खारिज कर दिया है और कहा है कि रेवेन्यू में कमी की भरपाई करने की जिम्मेदारी केंद्र की है।

कंपंसेशन सेस का क्या है गणित
केंद्र सरकार के अनुमान के मुताबिक इस साल राज्यों को जीएसटी कंपंसेशन के तौर पर करीब 3 लाख करोड़ रुपए दिया जाना है। कंपंसेशन सेस की वसूली हालांकि 65,000 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। इस तरह से कंपंसेशन भुगतान में 2.35 लाख करोड़ रुपए की कमी रह जाने का अनुमान है।

छोटे करदाताओं को हर महीने रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि पहली जनवरी से छोटे करदाताओं को मासिक तौर पर रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होगी। वे चालान के जरिये हर महीने टैक्स का भुगतान कर सकते हैं। अधिकारी ने कहा कि 5 करोड़ रुपए से कम सालाना टर्नओवर वाले करदाताओं को हर महीने रिटर्न (जीएसटीआर 3बी और जीएसटीआर 1) फाइल करने की जरूरत नहीं होगी।