नई दिल्ली। राज्यसभा में गुरुवार को कोरोना वायरस के हालात पर चर्चा हुई। विपक्षी सांसदों ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि महामारी से निपटने की ठीक व्यवस्था नहीं की गई। आम आदमी पार्टी और शिवसेना समेत कई दलों ने सत्ताधारी बीजेपी के नेताओं की तरफ से आए कोरोना से बचने के ‘उपायों’ पर भी तंज कसा। ‘भाभी जी के पापड़, ताली और थाली बजाने’ जैसी बातों पर सरकार को घेरा गया। जवाब में बीजेपी की तरफ से सुधांशु त्रिवेदी ने चरखे और स्वाधीनता संग्राम का उदाहरण देकर काउंटर किया।
विपक्षी सांसदों ने क्या कहा था?
शिवसेना के संजय राउत ने महाराष्ट्र सरकार की सराहना करते हुए सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, “मैं उन सदस्यों से पूछना चाहता हूं कि महाराष्ट्र में इतने सारे लोग कोरोना से कैसे ठीक हुए? क्या लोग भाभी जी के पापड़ खा करके ठीक हो गए?” इसके बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने भी तंज कसा। उन्होंने कहा, “सत्ता पक्ष के लोग कह रहे हैं कि विपक्ष ने ताली-थाली बजाने में सरकार का सहयोग नहीं किया। मैं कहना चाहता हूं कि एक भी ऐसी रिसर्च बता दीजिए जिसमें ताली-थाली बजाने से कोरोना ठीक हुआ हो, तो मैं PM के साथ ताली-थाली बजाने के लिए तैयार हूं।”
सुधांशु त्रिवेदी ने जवाब में दिया यह तर्क
बीजेपी के राज्यसभा सदस्य डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने अपनी बारी आने पर विपक्षी सांसदों को जवाब दिया। उन्होंने कहा, “क्या सामाजिक मनोविज्ञान और राजनीतिक मनोविज्ञान को हम नहीं समझते? जो लोग ये कह रहे हैं, वो इतिहास भूल गए? क्या चरखा चलाने से अंग्रेज भाग जाने वाला था? नहीं। चरखा एक प्रतीक था जो महात्मा गांधी जी ने चुना।” त्रिवेदी के इतना बोलते ही विपक्षी सांसद शोर मचाने लगे। तब डिप्टी चेयरमैन ने कहा कि त्रिवेदी की बात के अलावा और कुछ रिकॉर्ड में नहीं जाएगा।
त्रिवेदी ने आगे कहा, “महात्मा गांधी जी चरखे को एक प्रतीक बनाया। वह प्रतीक बना संपूर्ण भारतीय जनमानस की भावनाओं का केंद्रबिंदु और वहां से ब्रिटिश राज को उखाड़ने का संकल्प उठा। उसी प्रकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने उस दीये को एक प्रतीक बनाया जिसमें संपूर्ण राष्ट्र की चेतना समवेत रूप में आकर इस लड़ाई से लड़ने के लिए आगे बढ़ी। इसलिए मैं कह रहा हूं कि संकल्प के मनोविज्ञान को समझने की आवश्यकता है।”
किसने दिए थे ये बयान?
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ‘भाभी जी पापड़’ लॉन्च करते हुए कहा था कि उसे खाने से कोरोना नहीं होता है। उनके इस बयान की विपक्षी दलों ने खासी आलोचना की थी और सोशल मीडिया पर भी मजाक बना था। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को लोगों से घरों में ताली, थाली बजाकर एक-दूसरे का आभार जताने और कोरोना से लड़ने के लिए एकजुटता दिखाने की अपील की थी।