सुगम ऑनलाइन शिक्षा के लिए अध्यापकों को बना रहा है सशक्त टीचमिंट ऐप

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आईआईटी के पूर्व छात्रों ने लॉन्च किया मोबाइल प्लेटफॉर्म

कोटा। पिछले दो दशकों में राजस्थान के दक्षिणी-पूर्वी क्षेत्र में बसा शहर कोटा कोचिंग सेंटरों के लिए भारत का सबसे बड़ा और सबसे लोकप्रिय हब बन गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक हर साल देश के विभिन्न हिस्सों से 1.6 लाख से अधिक छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे आईआईटी-जेईई और नीट की तैयारी के लिए कोटा आते हैं।

बेहतरीन कोचिंग प्रणाली, आधुनिक सुविधाओं, अनुभवी अध्यापकों और पढ़ाई के लिए अनुकूल वातावरण के चलते हर साल कोटा आने वाले सैंकड़ों छात्र सफलता हासिल करते हैं। किंतु हाल ही में देश में फैली कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के चलते कोटा के कोचिंग सेंटरों को बंद करना पड़ा और इन्हें बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है। कई महीने बीत जाने के बाद भी स्थिति लगभग ज्यों कि त्यों बनी हुई है, ऐसे में शहर के कोचिंग संस्थान और ट्यूटर अपने कारोबार को बनाए रखने के लिए डिजिटल शिक्षा की ओर रूख करने की कोशिश कर रहे हैं।

मौजूदा समय में जब ऑनलाईन शिक्षा, शिक्षा उद्योग का नया नियम बन गई है, कोचिंग एवं ट्युटोरियल कारोबार के डिजिटलीकरण के लिए एक सामान्य मंच की कमी महसूस की जा रही थी; आईआईटी के पूर्वछात्रों द्वारा स्थापित एड-टेक स्टार्ट-अप टीचमिंट अपने निःशुल्क लाईव ट्युटोरिंग मोबाइल ऐप्लीकेशन के ज़रिए इसका समाधान लेकर आया है। स्टार्ट-अप ने ऑनलाइन शिक्षा के लिए सरल, मोबाइल प्लेटफॉर्म का निर्माण किया है, जिसके ज़रिए कोटा के होम ट्यूटर और कोचिंग सेंटर छात्रों के साथ जुड़ सकते हैं और ऑनलाइन माध्यमों से शिक्षा जारी रख सकते हैं।

कोटा के बड़े कोचिंग संस्थानों ने ऑनलाइन क्लासेज़ शुरू कर दी हैं, हालांकि कई संस्थानों के द्वारा जो टूल्स इस्तेमाल किए जा रहे हैं, वे कोचिंग एवं ट्यूटरिंग के लिए अनुकूल नहीं है। ऑनलाइन क्लासेज़ की इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए टीचमिंट डिज़ाइन किया गया है जो छात्रों एवं अध्यापकों के बीच अधिकतम इंटरैक्शन को सुनिश्चित कर सकता है। इसके ‘गो लाईव’ फीचर के ज़रिए छात्र अपने सवालों को आसानी से हल कर सकते हैं। साथ ही अन्य कम्युनिकेशन फीचर्स जैसे चैट और अनाउन्समेन्ट के साथ अपडेट भी रह सकते हैं। अब तक राजस्थान से 9000 से अधिक यूज़र्स टीचमिंट मोबाइल ऐप पर रजिस्टर कर ऑनलाईन पढ़ाई शुरू कर चुके हैं।

मिहिर गुप्ता, सह-संस्थापक एवं सीईओ, टीचमिंट ने कहा, ‘‘टीचमिंट में हम ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली को सरल, सुविधाजनक एवं प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी के मद्देनज़र हमारा मोबाइल प्लेटफॉर्म अध्यापकों को सही डिजिटल उपकरण मुहैया कराता है, ताकि वे आसानी से अपनी कक्षाएं चला सकें और डिजिटल माध्यमों के ज़रिए ज़्यादा से ज़्यादा छात्रों को अपनी अनूठी अध्यापन शैली से लाभान्वित कर सकें, साथ ही छात्रों के लिए अध्ययन के प्रभावी परिणामों को सुनिश्चित कर सकें।

हम देश में अधिक से अधिक ट्यूटर्स एवं कोचिंग संस्थानों को ऑनलाइन शिक्षा की ओर रूख करने में मदद करना चाहते हैं।’’ अपने मोबाइल ऐप के फीचर्स पर बात करते हुए पयोज जैन, सह-संस्थापक, टीचमिंट ने कहा, ‘‘डिजिटलीकरण के इस दौर में ऑनलाईन क्लासेज़ के संचालन में अध्यापकों के सामने आने वाली समस्याओं को दूर करना टीचमिंट का उद्देश्य है।

हम ‘आत्मनिर्भर भारत’ की अवधारणा को बढ़ावा देने के लिए अध्यापकों को ऐसा वन-स्टॉप समाधान उपलब्ध कराना चाहते हैं, जिसके ज़रिए वे ऑनलाइन शिक्षा पर पूर्ण नियन्त्रण पा सकें और आत्मनिर्भर बने रह सकें। कोटा निःस्संदेह देश के कोचिंग उद्योग का केन्द्र है, ऐसे में हम शहर के छात्रों के लिए सुगम लर्निंग को सुनिश्चित करना चाहते हैं ताकि छात्र किसी भी समय, किसी भी स्थान से अध्यापकों के साथ जुड़े रहकर अपनी समस्याओं का समाधान कर सकें।

टीचमिंट ऐप को इस तरह से डिज़ाइन और तैयार किया गया है कि कोई भी छात्र या अध्यापक मिनटों में ऑनलाइन क्लासेज़ शुरू कर सकता है, इसके लिए उनके पास सिर्फ इंटरनेट और स्मार्टफोन होना चाहिए। यह ऐप न केवल छात्र एवं ट्यूटर के बीच दो-तरफ़ा कनेक्ट बनाता है जो ऑनलाइन शिक्षा को प्रभावी बनाने के लिए ज़रूरी है, बल्कि ट्यूटर के लिए ऑल-इन-वन वर्कफ्लो एवं एडमिनिस्ट्रेशन टूल्स भी प्रस्तुत करता है।

इससे न केवल उनका काम आसान हो जाता है बल्कि समय भी बचता है। इसके अलावा टीचमिंट पर उपलब्ध इन-बिल्ट डिजिटल ग्रेडिंग सिस्टम, रिपोर्ट एवं एनालिटिक्स आदि के माध्यम से अध्यापक नियमित रूप से छात्रों की प्रगति का मूल्यांकन कर सकते हैं। टीचमिंट अध्यापकों को स्क्रीन शेयरिंग एवं अन्य आधुनिक विकल्पों के लिए वेब वर्जन भी उपलब्ध कराता है।