रांची। सिर्फ एक युवती की जिद के चलते राजधानी एक्सप्रेस 535 किलोमीटर चली। यह सफर उस युवती के रूप में केवल एक ही यात्री को लेकर पूरा किया गया। राजधानी एक्सप्रेस को डाल्टनगंज से सीधे रांची आना था। डाल्टनगंज से ट्रेन के जरिए रांची की दूरी 308 किलोमीटर है। लेकिन युवती ने राजधानी से ही रांची जाने की जिद की तो आखिरकार एक युवती की जिद के आगे रेलवे बोर्ड को झुकना पड़ा।
ट्रेन को गया ले जाकर गोमो व बोकारो होकर रांची लाना पड़ा। डाल्टनगंज से गया 217 किलोमीटर व गया से बोकारो 202 किलोमीटर और बोकारो से रांची 116 किलोमीटर यानि कुल 535 किलोमीटर का सफर राजधानी ने एक युवती को लेकर किया। युवती ने बस से सफर करने से इंकार कर दिया। उसने अधिकारियों से साफ कहा कि वो बस से सफर नहीं करेगी।
युवती ने कहा कि वो ट्रेन से ही रांची जाएगी क्योंकि उसने दिल्ली से रांची तक का ट्रेन का टिकट लिया है। युवती का कहना था कि अगर उसे बस से सफर करना होता तो वो दिल्ली से ही बस पर सफर करती। युवती जिद पर अड़ी थी कि उसने राजधानी एक्सप्रेस का टिकट लिया है तो वो इसी से रांची जाएगी।
बस का सफर अच्छा नहीं लगता:युवती ने रेलवे के अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों से कहा कि उसे बस का सफर अच्छा नहीं लगता। उसका ये भी कहना था कि जिन बसों का इंतजाम किया गया है। वह ठीक नहीं है। पहले रेलवे बोर्ड ने टोरी में टाना भगत के रेल ट्रैक जाम किए जाने के बाद राजधानी को डाल्टनगंज में ही खड़ा करने का फैसला लिया था मगर, जब इस पर सवार एक युवती ने ट्रेन से ही रांची भेजने की जिद की तो रेलवे बोर्ड को झुकना पड़ा और फिर राजधानी एक्सप्रेस को शाम तकरीबन चार बजे डाल्टनगंज से वापस गया ले जाकर गोमो और बोकारो होते हुए रांची ले जाना पड़ा। दिल्ली से रांची के लिए सवार युवती राजधानी से ही सुबह रांची पहुंचेगी।
दिल्ली से रांची आ रही राजधानी एक्सप्रेस में 930 यात्री सवार थे। जब टोरी में टाना भगत के रेलवे ट्रैक पर चल रहे आंदोलन की वजह से राजधानी एक्सप्रेस को डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन पर रोका गया। पहले तो रेलवे के अधिकारियों ने सोचा कि टाना भगत का आंदोलन खत्म हो जाएगा तो राजधानी रांची पहुंचा दी जाएगी। मगर, जब आंदोलन खत्म नहीं हो पाया तो रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को इसकी जानकारी दी गई।
तब रेलवे बोर्ड ने राजधानी से मुसाफिरों को उतार कर बसों से रांची भेजने का आदेश दिया। रेलवे बोर्ड ने निर्देश दिया कि राजधानी एक्सप्रेस को डाल्टनगंज में ही खड़ा रखा जाए और जब आंदोलन खत्म हो तो इसे नियमित रूट से रांची भेज दिया जाए। इसके बाद 929 मुसाफिरों को रांची बस से ले जाया गया। मगर राजधानी में बैठी एक युवती बस से जाने के लिए तैयार नहीं हुई।
इसके बाद रेलवे के अधिकारियों ने युवती से कहा कि उसके पास अब रांची जाने का कोई चारा नहीं है। क्योंकि, अधिकारियों को रेलवे बोर्ड से जो आदेश मिला था उसके अनुसार राजधानी एक्सप्रेस को डाल्टनगंज में खड़ा रखा जाना था और इसे टाना भगत के आंदोलन के बाद ही रांची लाया जाना था। अधिकारियों ने युवती से कहा कि अगर वो चाहे तो उसे कार के जरिए रांची भेज दिया जाए मगर युवती इस जिद पर अड़ी रही कि वो राजधानी से ही रांची जाएगी।
जिद के आगे फूल गए थे अधिकारियों के हाथ पैर:इसके बाद रेलवे के अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए। आनन-फानन रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को ये बात बताई गई। युवती की जिद की बात सुन कर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन भी सकते में आ गए और थोड़ी देर बाद निर्देश देने की बात कही। बाद में रेलवे बोर्ड ने डीआरएम को निर्देश दिया कि युवती को राजधानी में बैठा कर ट्रेन को गया ले जाकर वहां से गोमो व बोकारो के रास्ते रांची ले जाया जाए। इसके बाद राजधानी एक्सप्रेस देर शाम डाल्टनगंज से रांची के लिए रवाना हुई।