कोटा। कर्मयोगी सेवा संस्थान की ओर से गणेश चतुर्थी पर नयापुरा बस स्टेण्ड स्थित संस्थान के मुख्यालय पर जूट से निर्मित कर्मयोगी गणेश की स्थापना की गई। प्रतिमा को रथमें सवार कर पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ स्थापना स्थल पर लाया गया। रथ में सवार कर्मयोगी गणेश कारोना महामारी से रक्षार्थ मास्क पहनने का संदेश देते हुए चल रहे थे। संस्थापक राजाराम जैन कर्मयोगी ने बताया कि कर्मयोगी गणेश की ईको फ्रेंडली प्रतिमा का निर्माण 12 किलो जूट से किया गया है।
कर्मयोगी सेवा संस्थान के नेतृत्व में 12 संस्थाओं के संयुक्त सहयोग से स्थापित जूट के गणेश कोरोना महामारी से बचाव का संदेश देते हुए नजर आये। उन्होंने बताया कि वर्ष 2006 से ही पर्यावरण एवं जलीय जीवो की रक्षार्थ इको फ्रेंडली गणपति की स्थापना की जा रही है। कर्मयोगी सेवा संस्थान द्वारा इस वर्ष से प्रतिमा विसर्जन की परंपरा का समापन किया जा रहा है।
वहीं, ध्वनि विस्तारक यंत्रों को निषेध करते हुए अब कभी भी ध्वनि प्रदूषण से जीवों को हानि पहुंचाने वाले यंत्रों का प्रयोग नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दस दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव के दौरान चिकित्सक, सफाईकर्मी, पुलिस अधिकारियों का सम्मान भी किया जाएगा। कारोना महामारी से बचाव के लिए जन जागरण पत्रक प्रमुख मार्गो वितरित किए जाएंगे।