कोटा। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो न्यायालय (Court ) के न्यायाधीश प्रमोद कुमार मलिक ने बुधवार को 8 वर्ष पुराने एक मामले में व्यापारी से उसका माल छोडऩे की एवज में 5 हजार रुपए की रिश्वत मांगने एवं मंथली देने के लिए दबाव बनाने के अपराध में बारां के तत्कालीन सहायक वाणिज्य कर अधिकारी महावीर प्रसाद कल्याण को 3 वर्ष के कठोर कारावास एवं 30 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।
सहायक निदेशक अभियोजन अशोक कुमार जोशी ने बताया कि 25 सितम्बर 2006 को परिवादी श्याम माखीजा ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) कार्यालय में लिखित शिकायत प्रस्तुत की। इसमें उसने बताया कि वह बारां में गोपाल गोली वाला के नाम से किराने की दुकान चलाता है। वह दुकान पर सभी प्रकार के पान मसाले व गुटखे बेचता है।
12 सितंबर 2006 को वह कोटा से 6 बोरी गुटखा ट्रांसपोर्ट कंपनी आरकेआरटी के माध्यम से लेकर आया था। माल ट्रांसपोर्ट पर ही रखा था। इसी दौरान 22 सितंबर 2006 को बारां के एसीटीओ एमपी कल्याण ट्रांसपोर्ट कंपनी पर आए और उससे 10 हजार रुपए की रिश्वत (bribe) मांगी। रिश्वत नहीं देने पर उसके खिलाफ केस बनाने की धमकी दी। इस पर सौदा 5 हजार रुपए में तय हो गया।
एसीबी ने मामले का सत्यापन करवाया तो मामला सही पाया गया। इस पर ट्रैप कार्रवाई का आयोजन किया गया, लेकिन कल्याण को शक हो गया। इसके चलते उसने एसीबी के दो बाद ट्रेप के प्रयास के बावजूद रिश्वत की राशि नहीं ली। इस पर एसीबी ने सबूतों के आधार पर आरोपी के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया। इस मामले में न्यायालय ने गवाहों और सबूतों के आधार पर आरोपी को दोषी मानते हुए बुधवार को आरोपी को सजा व अर्थदंड से दंडित किया।