नई दिल्ली। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के सीईओ अरुण सिंघल ने स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में जंक फूड और अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों की बिक्री पर रोक लगा दी है। साथ ही FSSAI ने स्कूल परिसरों के 50 मीटर के दायरे में अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों की बिक्री और विज्ञापन पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम स्कूली बच्चों की सुरक्षा और पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
FSSAI खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के तहत नए सिद्धांतों को लागू कर रहा है। इसका मकसद स्कूली बच्चों के लिए सुरक्षित, पौष्टिक और गुणवत्तायुक्त भोजन उपलब्ध कराना है। एफएसएसएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इससे स्कूलों में बच्चों के लिए सुरक्षित भोजन और संतुलित आहार उपलब्ध होगा।
जिन खाद्य पदार्थों में बड़ी मात्रा में वसा, सॉल्ट और शुगर पाया जाता है, उनकी स्कूलों की कैंटीन या मेस या हॉस्टल किचन या फिर स्कूल परिसर के 50 मीटर के अंदर बिक्री नहीं हो सकती है। इस तरह के खाद्य पदार्थों में पिज्जा, बर्गर, कोल्ड ड्रिंक, चिप्स, फ्रेंच फ्राइज, समोसे, पेस्ट्री, सैंडविच, ब्रेड पकोड़े आदि आते हैं।
2015 में दिल्ली हाईकोर्ट ने स्कूलों की कैंटीन में जंक फूड की बिक्री पर नियम बनाने के लिए FSSAI को आदेश दिया था। इसके बाद प्राधिकरण की विशेषज्ञ समिति ने स्कूलों में बच्चों के लिए स्वास्थ्यप्रद भोजन उपलब्ध कराने के लिए नए दिशानिर्देश तैयार किए।
स्कूल में कैंटीन के लिए लाइसेंस लेना होगा
अधिकारी का कहना है कि स्कूल में कैंटीन, मेस, किचन संचालित करने वालों को FSSAI से लाइसेंस लेना होगा। साथ ही शिक्षा विभाग द्वारा मिड डे मील के अनुबंधित फूड कारोबारियों को भी FSSAI में पंजीकरण कराना होगा या फिर लाइसेंस लेना होगा। नगर निगम अधिकारियों और प्रदेश प्रशासन द्वारा स्कूल परिसरों का नियमित निरीक्षण भी किया जाएगा ताकि बच्चों को सुरक्षित, स्वास्थ्यप्रद और शुद्ध भोजन उपलब्ध होना सुनिश्चित हो सके।