नई दिल्ली। इस समय कोरोना वायरस (Coronavirus In India) की सबसे तगड़ी मार भारत झेल रहा है। यहां तक कि अब तो अमेरिका भी भारत से पीछे हो गया है और नए केस मिलने के मामले में भारत सबसे ऊपर है। पिछले 24 घंटों में अमेरिका (Coronavirus In US) में करीब 46 हजार मामले सामने आए हैं, जबकि भारत में ये आंकड़ा 50 हजार से भी अधिक है। ब्राजील में भी नए मामले 18 हजार के करीब हैं। ये लगातार दूसरा दिन है, जब भारत में अमेरिका से अधिक केस मिले हैं।
कल भारत में कोरोना के करीब 52 हजार मरीज सामने आए थे, जबकि अमेरिका में ये आंकड़ा 47 हजार के करीब था। आज फिर कल वाला वक्त दोहराता सा दिख रहा है। बता दें कि इस पर कल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला भी बोला था। आज भी भारत में कोरोना वायरस के नए मामले मिलने की संख्या अमेरिका से अधिक है।
अब तक क्या हैं हालात?
भारत में अब तक करीब 18.55 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से करीब 39 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। अच्छी खबर ये है कि 12,30,000 से भी अधिक लोग सही हो चुके हैं। यानी एक्टिव मामले अब करीब 5.85 लाख बचे हैं। इनमें भी गंभीर रूप से सिर्फ 8,944 लोग ही बीमार हैं।
R-value में गिरावट
हाल ही में सामने आए एक अध्ययन में पता चला है कि कोविड-19 की आर-वैल्यू यानी रि-प्रोडक्टिव वैल्यू (R-value) में दिल्ली (Delhi), मुंबई (Mumbai) और चेन्नई (Chennai) में गिरावट आयी है। यह दर्शाती है कि देश के तीन बड़े शहरों में इस महामारी का कहर थमने की राह पर है। हालांकि, विशेषज्ञों ने इसके साथ चेतावनी भी दी है कि इस स्तर पर आकर अगर लापरवाही की गई तो संक्रमण फिर से बढ़ सकता है। इस बीच, ‘स्टैटिस्टिक्स एंड एप्लिकेशंस’ पत्रिका में प्रकाशित ताजा आर-वैल्यू कुछ इस प्रकार हैं… दिल्ली में यह 0.66, मुंबई में 0.81 और चेन्नई में 0.86 है जो राष्ट्रीय औसत 1.16 से काफी कम है।
क्या होता है R-Value?
आर-वैल्यू का अर्थ है, एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आकर औसतन संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या। फिलहाल देश में सबसे ज्यादा आर-वैल्यू 1.48 आंध्रप्रदेश की है। दिल्ली के 0.66 आर-वैल्यू को और बेहतर तरीके से समझाते हुए इस अध्ययन का नेतृत्व करने वाली चेन्नई के गणितीय विज्ञान संस्थान में भौतिकी की प्रोफेसर सीताभ्रा सिन्हा ने बताया, इसका अर्थ है कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस से संक्रमित किन्हीं 100 लोगों का समूह औसतन 60 लोगों को यह संक्रमण दे सकता है।