नई दिल्ली। फ्रांस से खरीदे जा रहे 36 अत्याधुनिक राफेल विमानों में से पांच विमान करीब 7,000 किमी की दूरी तय करके बुधवार दोपहर भारत पहुंच जाएंगे। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया अंबाला एयरबेस पर विमानों की अगवानी करेंगे। इन विमानों ने सोमवार को फ्रांस के मरिग्नैक एयरबेस से उड़ान भरी थी। फ्रांस में भारतीय दूतावास की ओर से मंगलवार को जारी तस्वीरों के मुताबिक करीब 30 हजार फीट की ऊंचाई पर फ्रांस के टैंकर विमान ने इन विमानों में ईंधन भी भरा।
भारतीय वायुसेना ने ट्वीट कर कहा, ‘हमारे राफेल विमानों की यात्रा में फ्रांसीसी एयरफोर्स द्वारा दी गई मदद की भारतीय वायुसेना सराहना करती है।’ अधिकारियों ने बताया कि सात घंटे से ज्यादा की उड़ान के बाद पांचों राफेल विमान सोमवार शाम संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अल धाफरा एयरबेस पर उतरे थे। फ्रांस से भारत की उड़ान में इन विमानों का यही एकमात्र स्टॉपओवर है।
यहीं से ये विमान बुधवार सुबह अंबाला के लिए उड़ान भरेंगे। अगर मौसम खराब हुआ तो इन विमानों को जोधपुर एयरबेस पर उतारा जाएगा। विमानों को लेकर आ रहे वायुसेना के सात पायलटों का नेतृत्व ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह कर रहे हैं। ये सभी पायलट अपनी ऑपरेशनल फ्लाइंग शुरू करने से पहले कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करेंगे।
अगस्त मध्य में वायुसेना में शामिल किए जाएंगे पांचों विमान
इन पांच राफेल विमानों में से तीन एक सीट वाले और दो विमान दो सीट वाले हैं। इन विमानों को 17वीं स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा जिसे ‘गोल्डन ऐरोज’ के नाम से भी जाना जाता है। वायुसेना में इन विमानों को औपचारिक रूप से शामिल करने का समारोह अगस्त मध्य में होने की संभावना है। ज्ञात हो कि पहला राफेल विमान भारतीय वायुसेना को पिछले साल अक्टूबर में उस समय सौंपा गया था, जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह फ्रांस की यात्रा पर गए थे।
30 विमान एक सीट वाले और छह विमान दो सीट वाले होंगे
इन विमानों के आने से भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता में ऐसे समय उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जबकि पूर्वी लद्दाख में सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। मालूम हो कि भारत ने फ्रांस की एयरोस्पेस कंपनी दासौ के साथ 23 सितंबर, 2016 को 59,000 करोड़ में 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया था। इनमें से 30 विमान एक सीट वाले और छह विमान दो सीट वाले होंगे। दो सीट वाले विमान प्रशिक्षण विमान हैं, लेकिन उनमें युद्धक विमान वाले सभी फीचर होंगे। राफेल की पहली स्क्वाड्रन को अंबाला, दूसरी को बंगाल के हासीमारा एयरबेस पर तैनात किया जाएगा।