जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि हमें यह समझना होगा कि कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है। मुख्यमंत्री ने सैनिक कल्याण अधिकारियों और पूर्व सैनिकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कहा कि कोरोना से बचाव के लिए जन जागरूकता सबसे जरूरी है।
कॉन्फ्रेंसिंग की खास बातें
- सीएम गहलोत बोले हमें गांव-गांव में लोगों को जागरूक करना है, बुजुर्ग और छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखें।
- ज्यादातर संक्रमितों में लक्षण भी नजर नहीं आते। ऐसे लोग 99 प्रतिशत ठीक होते हैं। घबराएं नहीं।
-सीएम ने मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग क्यों जरूरी है इस बात को भी समझाया। - कोरोना रोगी समय से अस्पताल नहीं पहुंचे, इसलिए मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। इसलिए जरा सा लक्षण दिखते ही तुरंत अस्पताल जाएं।
- पूर्व सैनिकों ने कहा कि सरकार के निर्देशों का पूर्व सैनिक गांव-गांव और ढाणी-ढाणी में पालना कराएंगे। पूर्व सैनिक जिला प्रशासन का भी सहयोग करेंगे।
- पूर्व सैनिकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जन जागरूकता अभियान में सहयोग का आश्वासन दिया। साथ ही हेल्थ प्रोटोकॉल के पालना कराने का विश्वास दिलाया।
- बीकानेर से सुविधा गोविंद सिंह ने कहा पूर्व सैनिक हर मोर्चे पर सक्रिय है। कोरोना की इस जंग में वह पूरी तरह सरकार के साथ हैं। लोगों को जन जागरूक कर रहे हैं।
- झुंझुनूं से मेजर राम कृष्ण ने कहा पूर्व सैनिकों की एक लिस्ट बनाकर जिला सैनिक कल्याण अधिकारी को दी है। साथ ही उन्होंन कहा कि पूर्व सैनिकों को कोरोना वायरस की जंग में राज्य सरकार के कर्मचारियों की तरह इंश्योरेंस कवर दिया जाए।
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व सैनिकों को आश्वस्त किया कि जिस तरीके से राज्य सरकार के कर्मचारियों को कोरोना वायरस के मद्देनजर बीमा की जो सुविधा दी है यदि पूर्व सैनिकों को दी जा सकती है तो वे इसका परीक्षण कराएंगे।
- सीएम ने पूर्व सैनिकों के कोराना कोरोना की इस लड़ाई में दिए गए योगदान और कार्यों की सराहना की।
- पूर्व सैनिकों ने कहा कि उन्होंने सरकार की गाइड लाइन की पालना करते हुए लॉकडाउन में जन सहयोग किया है। वहीं पशु पक्षियों का भी पूरा ध्यान रखा।
इससे पहले गहलोत ने सोमवार को अपने निवास पर अधिकारियों के साथ कोरोना महामारी की समीक्षा करते हुए कहा था कि विशेषज्ञों ने आने वाले दिनों में इस वैश्विक महामारी के अधिक गंभीर रूप में सामने आने की आशंका जाहिर की है। ऐसे में जागरूकता ही कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है।
अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि संक्रमण के फैलाव को रोकने में आमजन की भूमिका के बारे में उन्हें जागरूक और सावचेत किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के महामारी को रोकने के लिए अब तक किए गए प्रयासों की सफलता तभी संभव है, जब आने वाले दिनों में वायरस के संक्रमण को बढ़ने से रोक सकें।
गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में जहां कहीं भी हेल्थ प्रोटोकॉल के उल्लंघन के मामले सामने आते हैं, वहां लोगों का आह्वान करने के साथ-साथ दण्डात्मक कार्रवाई करके नियमों की सख्ती से पालना कराई जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्वास्थ्य की दृष्टि से सभी जरूरी व्यवस्थाएं दुरूस्त की हैं।
आने वाले दिनों में भी आवश्यकतानुसार कोरोना की जांच, इलाज तथा अन्य सहायता उपलब्ध कराने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि प्रदेशवासियों को महामारी के प्रकोप से बचाने के लिए संसाधनों की उपलब्धता में कोई कमी नहीं आए।
गहलोत ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कुछ दिनों से बढ़ रहे कोरोना पॉजिटिव मामलों के बाद जांच का दायरा बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि संदिग्ध मरीजों के जांच सैम्पल का माइक्रो-मैनेजमेन्ट करके यह सुनिश्चित किया जाए कि कोरोना की जांच रिपोर्ट आने में देरी नहीं हो। इसके लिए आवश्यकतानुसार एक जिले के सैम्पल दूसरे जिले में भेजने की व्यवस्था की जाए।