विधायक पर शहीद की प्रतिमा के निर्माण में रोड़े अटकाने का आरोप

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कोटा। जहां देश में शहीदों को लेकर भावनाएं उफान पर हैं, वहीं पुलवामा में शहीद हुए हेमराज मीणा की प्रतिमा स्थापित कराने के लिए शहीद की पत्नी वीरांगना कों ऑफिस और नेताओं के चक्कर लगाना पड़ रहा है। वीरांगना मधुबाला ने रूंधे गले और नम आंखों से पत्रकारों के समक्ष अपनी पीड़ा व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीद को केवल एक महीने ही याद किया और उसके बाद राजनेता और अधिकारी सबने भुला दिया है। पुलवामा अटैक के समय में बड़े बड़े वादे करने वाले राजनेताओं ने पीछे मुड़कर कभी हालचाल नहीं पूछा। मधुबाला मीणा ने शहीद की प्रतिमा निर्माण में रोड़े अटकाने को लेकर सांगोद के स्थानीय विधायक भरत सिंह को आड़े हाथों लिया।

वीरांगना मधुबाला ने कहा कि स्थानीय सांसद विकास निधि से सांसद ओम बिरला के द्वारा पुलवामा के शहीद हेमराज मीणा की शहीदी पर स्मृति पार्क बनाने की अनुशंसा की थी। जिसके लिए उन्होंने 10 लाख रूपए की राशि स्वीकृत की थी। जिससे स्थानीय पंचायत के द्वारा मिट्टी भराई एवं समतलीकरण व तीन तरफ से बाउण्ड्रीवाल के निर्माण कार्य पूर्ण करा दिए गए हैं। इस स्थान पर स्मृति पार्क विकसित करने के लिए पूर्व विधायक हीरालाल नागर ने अतिरिक्त राशि की आवश्यकता बताई थी। जिस पर राज्यसभा सांसद विजय गोयल से 20 लाख रूपए की राशि स्वीकृत की गई। प्रतिमा के लिए जनसहयोग से राशि एकत्र कर मूर्ति बनवाई गई है।

वीरांगना मधुबाला ने स्थानीय विधायक भरत सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि विधायक कार्यकारी एजेंसी केके बिरला मेमोरियल ट्रस्ट को कार्य नहीं करने दे रहे हैं। वे सीएफसीएल के अधिकारियों को बुलाकर अपने प्रभाव का दुरूपयोग करते हुए धमका रहे हैं। विधायक ने अधिकारियों को अपनी मर्जी के बिना कोई कार्य न करने की चेतावनी दे रखी है, अन्यथा परिणाम भुगतने की बात भी कही है। इसके बाद से ही सीएफसीएल प्रबंधन शहीद स्मृति पार्क के निर्माण को लेकर टालमटोल की मुद्रा में आ गया है।

इस दौरान पूर्व सैनिक सेवा परिषद कोटा इकाई के अध्यक्ष केप्टन बीएल सुमन, सचिव रघुनन्दन पालीवाल, संगठन मंत्री प्रभुदयाल धाकड़, सैनिक प्रकोष्ठ के संभागीय अध्यक्ष ओमप्रकाश मेघवाल, हेमराज नागर ने सैनिक कल्याण बोर्ड की निंदा की। उन्होंने कहा कि किसी वीरांगना को ऑफिसों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं रहती है।

केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक बोर्ड के अधिकारियों को सैनिक के पास जाना चाहिए। लेकिन वे अपने एसी चैम्बर से नहीं निकलते हैं। उन्होंने कहा कि मुकुट बिहार मीणा की प्रतिमा भी अभी तक स्थापित नहीं हो पाई है। प्रतिमा स्थापित नहीं होने की स्थिति में परिषद अनशन पर बैठ जाएगा।

वहीं सांगोद विधायक भरत सिंह का कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार है। उन्होंने राज्य सरकार से बातचीत कर सांगोद कॉलेज का नामकरण शहीद हेमराज मीणा के नाम से करवाया। इसके साथ ही कॉलेज में मूर्ति लगाना प्रस्तावित किया। शहीद की मूर्ति बनवाकर कॉलेज में करीब चार माह पूर्व आ चुकी है। जिसे कॉलेज में लगवाया जाएगा। शहीद पार्क का निर्माण कार्य चल रहा है, वहां अलग से कार्य प्रस्तावित है। इसमें मैंने कोई रोड़ा नहीं अटकाया। शहीद सभी के लिए सदा सम्मानीय है।