साख गिरने से रुचि सोया का शेयर 1507 से गिरकर 1227 रुपए पर आया

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नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के स्वामित्व वाली रुचि सोया के शेयरों में लगातार तेजी पर कुछ मार्केट एक्सपर्ट ने सवाल उठाया था। इन सवालों के बाद से रुचि सोया के शेयरों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। रुचि सोया के शेयरों में हर रोज लोअर सर्किट लग रहा है। 29 जून को कंपनी शेयर बीएसई में 1535 रुपए प्रति शेयर के उच्चतम स्तर से पहुंचे थे। हालांकि, इस दिन 1507.30 पर बंद हुए थे। इसके बाद से यह लगातार गिरकर 2 जुलाई को 1227.80 रुपए प्रति शेयर तक पहुंच गया है।

4 दिन में 279.50 रुपए प्रति शेयर की गिरावट
29 जून से शेयरों में लगातार गिरावट के कारण रुचि सोया को काफी नुकसान हो रहा है। इन 4 दिनों में रुचि सोया के शेयर में 279.50 रुपए प्रति शेयर की गिरावट आ चुकी है। इसका असर कंपनी के मार्केट कैप पर भी पड़ा है। 29 जून को कंपनी का मार्केट कैप 44 हजार करोड़ रुपए के आसपास था, जो 2 जुलाई को गिरकर 36 हजार करोड़ रुपए के आसपास आ गया है। इस प्रकार रुचि सोया के मार्केट कैप में अब तक करीब 8 हजार करोड़ रुपए की कमी दर्ज की गई है।

5 फीसदी है लोअर/सर्किट
रुचि सोया का लोअर और अपर सर्किट 5 फीसदी पर फिक्स है। यानी अगर कंपनी के शेयर में 5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट या उछाल आएगा तो ट्रेडिंग बंद कर दी जाएगी। बीएसई में कारोबार कर रही सभी कंपनियों का लोअर और अपर सर्किट तय होता है। हालांकि, हर कंपनी का लोअर और अपर सर्किट अलग-अलग होता है। बीएसई और एनएसई का भी लोअर/अपर सर्किट होता है। बीएसई-एनएसई में सर्किट लगने पर पूरी ट्रेडिंग बंद कर दी जाती है।

शेयरों में अभी और गिरावट आएगी
मार्केट एक्सपर्ट अरुण केजरीवाल का कहना है कि निवेशकों को अब रुचि सोया की हकीकत पता चल चुकी है। इस कारण निवेशकों ने खरीदारी बंद कर दी है। यही कारण है कि रुचि सोया के शेयरों में लगातार गिरावट हो रही है। केजरीवाल के मुताबिक, अभी कंपनी के शेयरों में और गिरावट आ सकती है।

क्या कहा था मार्केट एक्सपर्ट्स ने?
बीते सप्ताह मार्केट एक्सपर्टस ने कहा था कि फ्री-फ्लोट शेयरों की कमी की वजह से रुचि सोया के शेयरों में तेजी आ रही है। इसका मूल सिद्धांतों से कोई लेना-देना नहीं है। एक्सपर्ट्स का कहना था कि कंपनी में रिटेल निवेशकों की भागीदारी 1 फीसदी से कम है। सेबी को इस पर नोट लेना चाहिए और इस शेयर को टी2टी सेगमेंट में शामिल करना चाहिए। एक्सपर्ट्स ने मांग कि थी कि सेबी को इस बात की जांच करनी चाहिए कि री-लिस्टिंग के 5 महीने बाद भी कंपनी में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 99 फीसदी से ज्यादा क्यों है?

पतंजलि के पास रुचि सोया की 98.87% हिस्सेदारी
पतंजलि के पास रुचि सोया की 98.87 फीसदी हिस्सेदारी है। निवेशकों की अन्य श्रेणियों के पास कंपनी के मात्र 33.4 लाख शेयर ही मौजूद हैं। लिहाजा इसके बहुत ही कम शेयरों की रोज खरीद फरोख्त हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि नियमों के चलते पतंजलि को अपनी और हिस्सेदारी छोड़नी होगी। जिससे शेयरों का फिर से बंटवारा होगा और कीमतें फिर से एडजस्ट हो सकती हैं। इसलिए पतंजलि के हिस्सेदारी कम करने तक निवेशकों को इंतजार करना चाहिए।

रुचि सोया में नहीं होगा पतंजलि आयुर्वेद का विलय
पतंजलि का कहना है कि वह पतंजलि आयुर्वेद का रुचि सोया में विलय नहीं करने जा रही है। शेयर बाजारों को दी जानकारी में पतंजलि ने कहा है कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पतंजलि आयुर्वेद का रुचि सोया में विलय किया जा सकता है। यह रिपोर्ट्स पूरी तरह से निराधार हैं।